जाति जनगणना पर नीतीश को BJP की दो टूक- ओडिशा, कर्नाटक की तरह गिन लें बिहार
- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जाति जनगणना के मुद्दे पर प्रदेश की उप-मुख्यमंत्री और भाजपा नेता रेणु देवी ने भी बयान दिया है. बिहार की उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी ने सहयोग कार्यक्रम में कहा है जिस तरह कर्नाटक और ओडिशा में जातीय जनगणना कराई गई. उसी तरह बिहार भी इसके लिए स्वतंत्र है.
पटना. बिहार की सियासत में इस समय जातीय जनगणना का मुद्दा काफी गर्म है. अब बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर दो टूक बयान दिया दिया है. बीजेपी के सहयोग कार्यक्रम में बिहार की उप-मुख्यमंत्री रेणु देवी ने जातीय जनगणना पर बोलते हुए कहा कि जिस तरह कर्नाटक और ओडिशा में जातीय जनगणना कराई गई, उस तरह बिहार भी इसके लिए स्वतंत्र है. इसके साथ ही रेणु देवी ने कहा कि केंद्र सरकार का फैसला इस मामले में बिल्कुल स्पष्ट है कि वह जातीय जनगणना नहीं कराने जा रही है. इसके साथ ही बीजेपी कार्यालय में हुए सहयोग कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने लोगों की समस्याओं को सुना व उनका निवारण हेतु अधिकारियों को उचित दिशा-निर्देश दिए.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार जातीय जनगणना के प्रस्ताव को पास नहीं करती है तो वह प्रदेश में राज्य सरकार के खर्चे से जातीय जनगणना कराएंगे. अब उपमुख्यमंत्री रेणु देवी के बयान के बाद ऐसा लग रहा है कि बिहार के सीएम नीतीश का यह बयान भी हवा-हवाई साबित हो सकता है. इस मुद्दे को लेकर बिहार विधानसभा में राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था 90 साल पहले जातिगत जनगणना 1931 में हुई थी अब समय है है कि जातिगत जनगणना होनी चाहिए.
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बता दें साल 2015 में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने सामाजिक-आर्थिक और शिक्षा सर्वेक्षण करवाया था. हालांकि 162 करोड़ रुपये के खर्च से हुए इस सर्वेक्षण के रिजल्ट का सार्वजनिक नहीं किया था. इस सर्वेक्षण के रिजल्ट को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा पर खूब दबाव डाला गया था.
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