उपेंद्र कुशवाहा ने कहा हम बिहार चुनाव में नहीं कटवा रहे वोट, देंगे नया विकल्प

Smart News Team, Last updated: Fri, 2nd Oct 2020, 6:19 PM IST
  • एक न्यूज एजेंसी से इंटरव्यू के दौरान रालोसपा अध्यक्ष और चौथे मोर्चे के मुख्यमंत्री का चेहरा उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि राजद और जदयू दोनों ने भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने तथा स्वास्थ्य एवं शिक्षा की स्थिति को बेहतर बनाने के लिये कोई ठोस काम नहीं किया.
रालोसपा अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को कहा कि उनकी पार्टी का गठबंधन न तो किसी के वोट काटने के लिए, न ही किसी को छिपे तौर से समर्थन देने के लिए है, बल्कि यह बिहार की जनता को एक सार्थक विकल्प देने के लिए है.

जानकारी के मुताबिक  उपेंद्र कुशवाहा ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा कि अभी तक लोजपा ने अपना रूख पूरी तरह से स्पष्ट नहीं किया है. चिराग पासवान अगर राजग से बाहर आने की घोषणा करते हैं तभी बात होगी. लेकिन निश्चित तौर पर अगर लोजपा साथ आए तो हम जनता को मजबूत विकल्प दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि हम समान विचारधारा वाले दलों के साथ मिलकर अपने गठबंधन को और मजबूत बनाएंगे.

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इस दौरान उपेन्द्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार पर जमकर निशाना साधाते हुए कहा बिहार की जनता नीतीश कुमार के 15 वर्षों के कुशासन से मुक्ति चाहती है. दूसरी ओर, राजद गठबंधन में भी मुख्यमंत्री पद का चेहरा मजबूत नहीं है और लोग इनके 15 साल के शासन के इतिहास को भी याद करते हैं. ऐसे में दोनों जनता में विश्वास पैदा करने में विफल रहे हैं. प्रदेश की जनता एक विकल्प की तलाश में हैं. इस बिहार विधानसभा चुनाव के लिये राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और जनतांत्रिक पार्टी (सोशलिस्ट) के साथ गठबंधन किया है. बता दें कि रालोसपा कुछ समय पहले तक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा थी.

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आपको बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में रालोसपा, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का हिस्सा थी और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अकेले चुनावी मैदान में थी. पिछले विधानसभा चुनाव मे रालोसपा ने 23 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें उसके दो उम्मीदवार जीते थे और राज्य के कुल वोट के हिसाब से यह 2.56 फीसदी था. वहीं बसपा ने 228 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें एक को भी जीत नहीं मिली.

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