तैयारी: बिहार में स्मार्ट मीटर के लिए बनेगा कानून, बिजली कटने से पहले आएगा मैसेज
- बिहार में लगाए जा रहे स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए नया कानून बनेगा. उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने का काम बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने लिया है.बिजली कंपनी ने भी आयोग से आग्रह किया है कि अविलंब कानून बन जाए. जिससे स्मार्ट प्री-पेड मीटर का संचालन आसानी से हो सके.
पटना. बिहार में लगाए जा रहे स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए नया कानून बनेगा. उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने का काम बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने लिया है.बिजली कंपनी ने भी आयोग से आग्रह किया है कि अविलंब कानून बन जाए. जिससे स्मार्ट प्री-पेड मीटर का संचालन आसानी से हो सके.
बिहार में लगाए जा रहे स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए नया कानून बनेगा. उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने का काम बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने लिया है.बिजली कंपनी ने भी आयोग से आग्रह किया है कि अविलंब कानून बन जाए. जिससे स्मार्ट प्री-पेड मीटर का संचालन आसानी से हो सके. जिससे उपभोक्ताओं को किसी प्रकार का दिक्कत नहीं हो. बिजली कंपनी की तरफ से बिहार विद्युत विनियामक आयोग को बताया गया कि बिहार में स्मार्ट मीटर नियमन (रेगुलेशन) बनाए जाने हैं. विनियामक आयोग को ही रेगुलेशन का ड्राफ्ट जारी करना है. ड्राफ्ट जारी होने के बाद आम लोगों से उस पर राय ली जाएगी. कंपनी भी अपनी ओर से अपना बात को रखेगा.
इसके बाद स्मार्ट प्री-पेड मीटर का नया कानून लागू हो जाएगा. वहीं, स्मार्ट प्री-पेड मीटर को लेकर कंपनी ने आयोग के समक्ष कुछ और प्रस्ताव भी सौंपे हैं. मोबाइल पर तीन संदेश के बावजूद उपभोक्ता अगर मीटर रिचार्ज नहीं कराएंगे तो बिजली चली जाएगी. कंपनी ने आयोग से अनुरोध किया है कि वह एक समय तय कर दे कि कितने दिनों के बाद उपभोक्ताओं का कनेक्शन अस्थायी तौर पर काटा जाएगा. इसके बाद अगर उपभोक्ता दोबारा कनेक्शन लें तो उनसे क्या शुल्क लिया जाए. साल 2025 तक सभी बिजली उपभोक्ताओं को नि:शुल्क स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के लिए राज्य सरकार ने अपनी योजना शुरू की है. इसके लिए 11 हजार 100 करोड़ खर्च होंगे. बिजली कंपनी की यह अबतक की सबसे बड़ी योजना है. देश में बिहार इकलौता राज्य है. जिसने प्री-पेड मीटर लगाना शुरू किया है.
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नये कानून में दिक्कतें
.नई तकनीक में पुराना कानून पूरी तरह से कारगर नहीं है.
.बिजली चोरी करने वाले मीटर लगाने में आनाकानी कर रहे है.
.समस्या होने पर उपभोक्ताओं के पास कोई अधिकार नहीं है.
.कंपनी जो कह रही है और उस पर अमल नहीं हो रहा है.
.प्री-पेड मीटर होने पर उपभोक्ताओं को विशेष सुविधा नहीं है.
मीटर का शुल्क
लगाते समय: नि:शुल्क
जांच का अनुरोध करने पर
सिंगल फेज के लिए 100 रुपए, छोटे उद्योग के लिए 200 रुपए, बड़े उद्योग के लिए 800 रुपए,
खुद मीटर लगाने पर शुल्क
सिंगल फेज के लिए 100 रुपए, थ्री फेज, एलटी के लिए 200 रुपए, थ्री फेज, सीटी के लिए 300 रुपए, विशेष मीटर के लिए 1800 रुपए, 11 केवी मीटर के लिए 5000 रुपए, 33 केवी मीटर के लिए 5000 रुपए, 132/220 केवी के लिए 8000 रुपए
मीटर बदलवाने पर
सिंगल फेज के लिए 200 रुपए, थ्री फेज, एलटी के लिए 400 रुपए, थ्री फेज, सीटी 500 रुपए
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