बिहार: ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने उठाई मांग- एक देश एक बिजली दर हो लागू

Pallawi Kumari, Last updated: Fri, 24th Sep 2021, 11:39 AM IST
  • गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार से एक बार फिर से एक देश- एक बिजली दर लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि देश भर में बिजली की दर एक समान होनी चाहिए.
बिहार में एक देश- एक बिजली दर की मांग .(फोटो साभार-हिन्दुस्तान)

पटना. गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ऊर्जा मंत्रियों का सम्मेलन हुआ. सम्मेलन में बिजली कंपनी के सीएमडी संजीव हंस, एमडी संदीप कुमार आर पुडकलकट्टी और संजीवन सिन्हा भी शामिल हुए. बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद ने बिजली वितरण व्यवस्था को एक करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से तीन लाख करोड़ से अधिक की योजना का स्वागत करते हुए फिर से एक देश-एक बिजली दर की मांग की.

बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि अन्य राज्यों में पहले बिजली घर बनने से उनको सस्ती बिजली मिल रही है जबकि बाद के वर्षों में बिजली घर बनने के कारण बिहार को महंगी बिजली खरीदनी पड़ रही है. स्थिति में सुधार के लिए राज्य सरकार द्वारा हजारों करोड़ रुपये निवेश कर नए -नए बिजलीघर बनाए गए, लेकिन फिर भी बिहार को महंगी बिजली मिल रही है. इसलिए देश भर में बिजली की दर एक समान होनी चाहिए. 

फ्लिपकार्ट पिकअप सेंटर में हथियारबंद 3 बदमाशों ने की 15 लाख की लूट, घटना सीसीटीवी में कैद

साल 2018-19 में खरीदी गई बिजली की दर का ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार देश में बिजली दर 3.60 रुपए प्रति यूनिट है. राष्ट्रीय औसत की तुलना में ओडिशा को 89 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिल रही है. जबकि बिहार प्रति यूनिट राष्ट्रीय औसत से 52 पैसे अधिक बिजली खरीद रहा है. पड़ोसी राज्य ओडिशा की तुलना से बिहार 1.35 रुपए प्रति यूनिट अधिक दर पर बिजली खरीद रहा है.अधिक दाम पर बिजली लेने के कारण बिहार को हर साल हजारों करोड़ अधिक खर्च करने पड़ रहे हैं. यही कारण है कि बिहार एक देश-एक बिजली दर की मांग कर रहा है.

बता दें कि, केंद्र सरकार सभी राज्यों को पांच भागों में बांटकर बिजली देता है. जिनमें पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण और उत्तर-पूर्वी जोन शामिल है. जिसमें उत्तर-पूर्वी जोन में बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम आते हैं. इसके अंतर्गत ओडिशा को सबसे सस्ती बिजली मिलती है वहीं बिहार को सबसे महंगी बिजली दी जाती है. दरअसल बिजली दर को बिजली घरों के निर्माण के साथ-साथ उनके रखरखाव के खर्च के आधार पर तय करते हैं.

ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद का कहना है झारखंड के अलग होने से पहले बिहार से देश के सभी राज्यों में कोयला एक ही दर पर भेजा गया. जिसकी वजह माल भाड़ा समानीकरण नीति है, सरकार ने जब कोयला की दर एक समान कर दी है तो फिर बिजली दर क्यों नहीं.

बिहार पंचायत चुनाव पहले फेज की वोटिंग शुक्रवार को, 10 जिलों के 12 प्रखंडों में होगा मतदान

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें