गुप्तेश्वर पांडेय VRS लेकर भी लटके, ना बक्सर सीट मिली, ना वाल्मीकि नगर का टिकट

Smart News Team, Last updated: Wed, 7th Oct 2020, 9:29 PM IST
  • बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय चुनाव लड़ने के लिए दूसरी बार वीआरएस लेकर फिर से लटकते नजर आ रहे हैं. बिहार विधानसभा चुनाव में उनका टिकट कट चुका है क्योंकि वो जेडीयू में शामिल हुए लेकिन बक्सर सीट बीजेपी को मिल गई. बीजेपी ने वहां से परशुराम चतुर्वेदी को टिकट दिया है. जेडीयू ने वाल्मीकि नगर लोकसभा उपचुनाव में भी उन्हें मौका नहीं दिया है.
गुप्तेश्वर पांडेय ने 2009 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट पर बक्सर सीट लड़ने के लिए वीआरएस लिया था लेकिन टिकट नहीं मिला. बाद में नीतीश सरकार ने वीआरएस वापसी की अर्जी मंजूर कर ली और पिछले साल उन्हें डीजीपी बनाया था. कुछ दिन पहले दोबारा वीआरएस लेकर वो जेडीयू में शामिल हुए और बक्सर से लड़ने की पूरी तैयार किए बैठे थे.

पटना. चुनाव लड़ने के लिए वीआरएस ले चुके बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का चुनाव में पत्ता कट गया है और उन्हें बक्सर से टिकट नहीं मिल पाया. पांडेय को बक्सर के अलावा वाल्मीकि नगर लोकसभा उप चुनाव से आस थी लेकिन वहां भी नीतीश कुमार की जेडीयू ने दिवंगत सांसद बैद्यनाथ महतो के बेटे सुनील कुमार को कैंडिडेट बनाने का ऐलान कर दिया है. एनडीए में बक्सर सीट बीजेपी को मिली और बीजेपी ने इस सीट से बुधवार की शाम परशुराम चतुर्वेदी को टिकट देने का ऐलान कर दिया है. 

गुप्तेश्वर पांडेय के साथ ऐसा चुनावी हादसा दूसरी बार हुआ है. इससे पहले 2009 के लोकसभा चुनाव में गुप्तेश्वर पांडेय ने बीजेपी के टिकट पर बक्सर लोकसभा सीट लड़ने के लिए वीआरएस लिया था लेकिन टिकट नहीं मिला. कुछ समय बाद नीतीश कुमार की सरकार ने उनकी वीआरएस वापसी की अर्जी स्वीकार कर ली जिसके वो नौकरी में लौट गए. 

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गुप्तेश्वर पांडेय को नीतीश सरकार ने पिछले साल बिहार पुलिस महानिदेशक बनाया था. सुशांत राजपूत केस में बिहार पुलिस की सक्रियता का चेहरा गुप्तेश्वर पांडेय थे और इसी दौरान उन्होंने एक बार रिया चक्रवर्ती की औकात तक पूछ ली थी. शिवसेना वीआरएस लेने के बाद से ही पांडेय को निशाना बना रही है और कह रही है कि चुनावी लाभ के लिए पांडेय ने ये सब किया.

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ऐसा लगता है कि गुप्तेश्वर पांडेय की चुनावी लॉंचिंग डूब चुकी है. आखिरी आस वाल्मीकि नगर लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ने की थी लेकिन जेडीयू ने यहां से सुनील कुमार को टिकट दे दिया है. ये सीट जेडीयू सांसद बैद्यनाथ महतो के निधन से खाली हुई थी और सुनील कुमार उनके बेटे हैं जिन्हें नीतीश कुमार ने टिकट देने का भरोसा दिया था.

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