किसान आंदोलन से MSP पर जगे किसान, बिहार में गेहूं की सरकारी खरीद 10 गुना बढ़ी

Smart News Team, Last updated: Thu, 10th Jun 2021, 1:52 PM IST
  • दिल्ली की बॉर्डर पर पंजाब और यूपी के किसानों के आंदोलन का बिहार में कोई सीधा असर भले ना दिखा हो लेकिन न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP पर बिहार में गेहूं की खरीद 10 गुना बढ़ गई है. विभाग के लोग कह रहे हैं गेहूं की सरकारी खरीद में रिकॉर्ड टूट गया है.
सरकारी गेहूं खरीद केंद्र (फाइल फोटो)

पटना. कृषि कानूनों के खिलाफ और एमएसपी को कानूनी शक्ल देने की मांग के साथ दिल्ली में चल रहे किसानों के आंदोलन को पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसानों तक समेटने वालों के लिए बिहार से एक बड़ी खबर है. ऐसा नहीं है कि वहां कोई आंदोलन खड़ा हो गया है लेकिन एमएसपी का जादू चलने लगा है या ये कह सकते हैं कि किसानों के आंदोलन से बिहार का किसान भी MSP पर जाग गया है. बिहार में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद का रिकॉर्ड बन गया है जो हाल के चार-पांच सालों की सरकारी खरीद का कम से कम दस गुना है.  

बिहार में कोरोना काल के दौरान सहकारिता विभाग ने अभी तक ढाई लाख टन से अधिक गेहूं की खरीद कर ली है. राज्य में पिछले पांच साल से गेहूं की एमएसपी पर खरीद कभी 25000 टन से ऊपर नहीं जा सकी थी. इस बार यह दस गुना पार है जबकि गेहूं की खरीद अभी एक हफ्ता और होगी. ऐसे में उम्मीद है कि गेहूं की तीन लाख टन से अधिक सरकारी खरीद होगी.

मिली जानकारी के अनुसार बिहार के किसान सरकारी क्रय केन्द्रों पर दो लाख 52 हजार 891 टन गेहूं बेच चुके हैं. अभी तक तक 51 हजार से ज्यादा किसानों ने समर्थन मूल्य का लाभ लिया है. सबसे अधिक 15 हजार 774 टन गेहूं बेगूसराय के किसानों ने सरकारी क्रय केन्द्रों पर बेचा है. रोहतास दूसरे नंबर पर है, यहां के किसानों ने 13 हजार 579 टन गेहूं सरकारी क्रय केन्द्रों पर बेचा है. वहीं, पटना के किसानों ने 2 हजार 860 टन गेहूं बेचा है.

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समर्थन मूल्य का लाभ लेने के मामले में पटना के किसान पहले नंबर पर है. पटना में 3208 किसानों ने समर्थन मूल्य का लाभ लिया है. 3046 किसानों के साथ बेगूसराय दूसरे नंबर पर है. वहीं 2692 किसानों के साथ नालंदा तीसरे नंबर पर है.

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15 जून तक सरकारी क्रय केन्द्रों पर गेहूं की सरकारी खरीद का अभियान चलेगा. सरकार ने गेहूं खरीद का लक्ष्य अब बढ़ाकर सात लाख टन कर दिया है. बिहार में इस साल गेहूं की खरीद की तुलना अगर हाल के सालों की खरीद से करें तो लगता है कि एमएसपी का बिहार के किसानों पर कुछ तो असर हो रहा है. पिछले पांच सालों में गेहूं की सरकारी खरीद की रफ्तार बेहद धीमी हो गई थी. पिछले पांच सालों में कोई ऐसा साल नहीं रहा जब 25 हजार टन से अधिक गेहूं की सरकारी खरीद हुई हो.

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