पटना: अनाथ बच्चों को जातिवाद से दूर रखेगी नीतीश सरकार, सामान्य वर्ग के होंगे सभी
- बिहार सरकार ने अनाथालय के बेसहारा और गोद लिए बच्चों के लिए नई नीति बनाई. अनाथालय में व्यस्क हुए बच्चों की जाति सामान्य होगी. वहीं गोद लिए बच्चों की दंपत्ति में पुरूष सदस्य की जाति के आधार पर तय होगी.
पटना. बिहार में अनाथालय में पले-बढ़े बेसहारा बच्चे या जिन्हें गोद लिया गया है उनकी जाति, आवास और आय-प्रमाण पत्र को लेकर राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. गोद लेने वाले परिवार के पुरूष सदस्य की जाति के अधार पर ही बच्चे की जाति निर्धारित की जाएगी. वहीं अनाथलय में व्यस्क होने वाली बच्चे सामान्य जाति में आएंगे.
सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभाग के अध्यक्षों, कमिश्नर, डीएम को पत्र लिखकर सरकार के फैसले की सूचना दे दी है. सामान्य प्रशासन विभाग ने बताया कि प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य घटना के कारण अनाथ हुए बच्चे की जाति, आवास और आय प्रमाण पत्र जारी करने पर समीक्षा और कानूनी राय लेने के बाद फैसला किया गया है.
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अनाथालय या अन्य किसी संस्था में पलने वाले बेसहारा बच्चे को कोई दंपत्ति गोद लेता है तो उसकी जाति, आय प्रमाण पत्र और आवासीय प्रमाण पत्र परिवार के आधार पर तय की जाएगी.
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वहीं अनाथालय में व्यस्क होने वाले बच्चों को सामान्य जाति का माना जाएगा. इसी के साथ अनाथालय छोड़ चुके बच्चों का आय प्रमाण पत्र उनकी आय के आधार पर बनेगा. जबकि आवासीय प्रमाण पत्र उनके स्थाई या अस्थाई आवास के आधार पर बनाया जा सकेगा.
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