बिहार HC की दो टूक- कोरोना से मृत शिक्षकों के आश्रितों के लाभ का जल्द निर्णय लें

Smart News Team, Last updated: Mon, 12th Jul 2021, 2:52 PM IST
बिहार हाई कोर्ट ने कोरोना से मरने वाले प्रदेश के शिक्षकों के लिए एक राहत भरी खबर दी है. हाई कोर्ट ने साफ कह दिया है कि कोरोना से मृत शिक्षकों के आश्रितों को 50 लाख रुपया मुआवजा, सरकारी नौकरी तथा विशेष पारिवारिक पेंशन के मामले में विभाग तीन माह के अंदर ही निर्णय ले.
पटना हाईकोर्ट ने कोरोना से मृत शिक्षकों के लिए डाली गई याचिका पर की सुनवाई

पटना. बिहार में कोरोना महामारी से मरने वाले शिक्षकों के लिए हाई कोर्ट ने दो स्वास्थ्य विभाग को आदेश दिया है. हाई कोर्ट के आदेश में साफ कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना से मरने वाले शिक्षको के आश्रित को मुआवजा और सराकारी लाभ का निर्णय स्वास्थ्य विभाग जल्द ले. इस आदेश को हाई कोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल तथा न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ की अगुवाई में लिया गया है.

हाई कोर्ट ने इस आदेश को बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सहआनंद आनंद कौशल सिंह की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सुनवाई करते लिया गया है. वहीं इसके साथ ही पूर्व आवेदक के वकील मृत्युंजय कुमार ने कोर्ट को बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोरोना से लड़ने वाले हेल्थ केयर प्रोवाइडरो के लिए बीमा योजना सहित कोई अन्य लाभ देने की घोषणा की थी.

इसके साथ ही इस याचिका में कहा गया था कि ऐसे सभी को कोरोना योद्धा मान इस भयंकर महामारी से बेमौत मारे गए शिक्षकों के आश्रितों को 50 लाख रुपया मुआवजा, सरकारी नौकरी, विशेष पारिवारिक पेंशन अतिशीघ्र दिया जाना चाहिए.

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बता दें कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार ने जगह जगह स्कूलों में कोरोनटाइन सेंटर,कोरोनटाइन कैम्प,आइसोलेशन सह ट्रीटमेंट सेंटर खोल दिए थे. जिसमें शिक्षकों सहित आंगनबाड़ी सेविका सहायिका, विकाश मित्र, पंचायत रोजगार सेवक को कोरोना संक्रमण से ग्रसित लोगो के देखभाल में लगाया था. सराकार के आदेश का पालन करते हुए इन लोगों ने अपना काम किया लेकिन वह खुद इस महामारी में अपनी जान गवां बैठे.

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