बिहार: सालभर से लोगों को खुदाई में मिल रहे प्राचीन सभ्यता के अवशेष, पर कोई पहल नहीं

Somya Sri, Last updated: Mon, 14th Feb 2022, 12:16 PM IST
  • मधुबनी जिले से सटे 22 किलोमीटर दूर पंडौल प्रखंड के इसहपुर गांव में पिछले सालभर से गांव वालों को प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेष मिल रहे हैं. अभी तक ग्रामीणों को खुदाई में ईंट का मोटा दीवार, मटका, जात, सिक्का व पूजा पाठ की सामग्री मिले हैं. इस संबंध में ग्रामीणों ने जिला प्रशासन, बिहार सरकार, पुरातत्व विभाग सभी को सूचना दी है पर अब तो कोई कदम नहीं उठाया गया है.
खुदाई में मिले प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेष (फोटो साभार हिंदुस्तान अखबार)

पटना: बिहार के मधुबनी जिले से सटे 22 किलोमीटर दूर पंडौल प्रखंड के इसहपुर गांव में पिछले साल भर से गांव वालों को प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेष मिल रहे हैं. अमरावती नदी में गांव वाले जब भी खुदाई करते हैं तो उन्हें प्राचीन सभ्यता के कई अवशेष मिल जाते हैं. हालांकि लगातार अवशेष मिलने के बाद भी अब तक इस पर पुरातत्व विभाग की ओर से कोई पहल नहीं किया गया है. गांव वालों का कहना है कि उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री सीएम नीतीश कुमार और मधुबनी के डीएम सहित पुरातत्व विभाग को इसकी सूचना दी थी पर अब तक इस पर कोई भी कदम नहीं उठाया गया है.

गांववालों का कहना है कि इसहपुर गांव में एक मृतप्राय नदी है, जिसे ग्रामीण अमरावती नदी कहते हैं. नदी का कोई अस्तित्व नहीं बचा है. लोग उसमें खेतीबारी के साथ तालाब भी बना लिये हैं, जिसमें आये दिन खुदाई के दौरान प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेष मिल रहे हैं. अभी तक ग्रामीणों को खुदाई में ईंट का मोटा दीवार, मटका, जात, सिक्का व पूजा पाठ की सामग्री मिल चुकी है.

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वहीं गांव वाले कहते हैं कि इस तरह का ईंट एक हजार से डेढ़ हजार वर्ष के बीच नगर सभ्यता में प्रयोग होता था. सिक्का दो सौ साल पहले का हो सकता है. सिक्का पर लिपी देवनागरी है. जबकि मिथिला में पहले मिथिलाक्षर एवं कैथी लिपी का प्रचलन था. गांव वाले कहते हैं कि ये सभी अवशेष बिहार सरकार के पुरातत्व निदेशालय द्वारा संरक्षित स्मारकों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए. समुचित उत्खनन एवं संरक्षण की जरूरत है.

मालूम हो कि गांव में सड़क निर्माण हो रहा है. इस दौरान मिट्टी काटी जा रही है. वहीं खुदाई के दौरान प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेष मिल रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अब तक खुदाई में ईद मिट्टी के बर्तन और दीप सहित कई चींजें मिल चुके हैं.

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