Magadh University में 30 करोड़ से अधिक घोटाला मामले में रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर समेत 4 लोग गिरफ्तार
- मगध विश्वविद्यालय में हुए घोटाले मामले में विशेष निगरानी इकाई ने बड़ी कार्रवाई करते हुए चार लोगों को गिरफ्तार किया है. सोमवार को विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर समेत चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है. निगरानी यूनिट की टीम लाइब्रेरियन प्रो. विनोद कुमार, प्रॉक्टर जयनंदन प्रसाद सिंह, रजिस्ट्रार पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा और असिस्टेंट सुबोध कुमार को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ कर रही है. चारों आरोपियों को गया से पटना लाया गया है.
पटना. मगध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा और प्रॉक्टर प्रो. जयनंदन प्रसाद सिंह समेत चार पदाधिकारियों को सोमवार को विशेष निगरानी इकाई ने गिरफ्तार कर लिया. दोनों पदाधिकारियों के साथ मगध विश्वविद्यालय के पुस्तकालय प्रभारी प्रोफेसर विनोद कुमार और वॉइस चांसलर डॉ राजेंद्र प्रसाद के आप्त सचिव सह असिस्टेंट रहे सुबोध कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. चारों पर करोड़ों की गड़बड़ी में विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ राजेंद्र प्रसाद के साथ षड्यंत्र में साक्ष्य पाए गए हैं.गिरफ्तारी के बाद इन्हें निगरानी की विशेष कोर्ट में प्रस्तुत किया गया. जहां सिर्फ उन्हें निगरानी की हिरासत में भेज दिया गया. मंगलवार को इस मामले में सुनवाई होगी.
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) के मुताबिक, मगध विश्वविद्यालय में उत्तर पुस्तिका, पुस्तक और गार्ड के प्रतिनियुक्ति आदि के नाम पर 30 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी पाई गई है. जांच में इन अधिकारियों की संलिप्तता के साक्ष्य मिलने पर इन्हें रफ्तार किया गया. सोमवार को एसवीयू ने पूछताछ के लिए बुलाया गया था. कई घंटों तक पूछताछ में ये एसवीयू के सवालों का सही से जवाब तक नहीं दे पाए. देर शाम इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार किए गए प्रो. पुष्पेंद्र प्रसाद वर्मा मगध विश्वविद्यालय के साथ आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के भी रजिस्टार हैं. इन पर वीसी के इशारे पर फर्जी भुगतान करने का आरोप है. वही पुस्तकालय प्रभारी प्रो. विनोद कुमार ने ई-लाइब्रेरी के नाम पर फर्जी तरीके से मोटी राशि खर्च करने का आरोप है.
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प्रॉक्टर प्रो जयनंदन प्रसाद सिंह को विश्वविद्यालय की सुरक्षा के लिए निजी गार्ड की प्रतिनियुक्ति में हुए घपले को लेकर गिरफ्तार किया गया है. असिस्टेंट सुबोध कुमार एसवीयू द्वारा दर्द की गई प्राथमिकी में नामजद है. सूत्रों के मुताबिक मगध विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद भी ये सक्रिय थे और उनके इशारे साक्ष्य को प्रभावित करने की साजिश में लगे थे. विशेष निगरानी इकाई ने मगध विश्वविद्यालय में 30 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी को लेकर प्राथमिक दर्ज करने के बाद 17 नवंबर को छापेमारी की थी. गया स्थित उसके आवास, कार्यालय और गोरखपुर स्थित घर की तलाशी में 95 लाख कैश के अलावा विदेशी मुद्रा, कई जमीन जायदाद के कागजात मिले थे. अभी वह चिकित्सकीय अवकाश पर है.
कहकर गए थे- कुछ देर में आता हूं, इंतजार कीजिए
कुलसचिव के पुष्पेंद्र वर्मा को एकेयू के कुलसचिव का भी प्रभार है. दिन के 11 बजे के आसपास वे कुलसचिव कार्यालय में यह बोलकर निकले की कुछ देर में आता हूं, आपलेग इंतजार कीजिये. लेकिन रात नहीं लौटे. जब कर्मियों को पूरी घटना के बारे में पता चला तो साढ़े 7 बजे के बाद ऑफिस बंद किये.
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