Bihar NEET: मेडिकल कॉलेजों में 715 अंकों से शुरू होगी ओपनिंग रैंक, 1703 सीटों पर होगा दाखिला
- बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 85 प्रतिशत सीटों पर BCECEB द्वारा एडमिशन प्रक्रिया आयोजित कराई जाएगी. MBBS में 1703 तथा BDS की 235 सीटों पर 2021 में एडमिशन होना है. इसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की लिए 1070 सीटे हैं.बिहार के मेडिकल व इंजीनिसरिंग कॉलेज में 33% सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित रहेगी. यह नियम 2021 से ही लागू हो जाएगा.
पटना. बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 85 प्रतिशत सीटों पर बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पार्षद (बीसीईसीईबी) द्वारा एडमिशन प्रक्रिया आयोजित कराई जाएगी. एमबीबीएस में 1703 तथा बीडीएस की 235 सीटों पर 2021 में एडमिशन होना है. इसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की लिए 1070 सीटे हैं.बिहार के मेडिकल व इंजीनिसरिंग कॉलेज में 33% सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित रहेगी. यह नियम 2021 से ही लागू हो जाएगा.
देश के मेडिकल कॉलेजों में नीट में पिछले साल के अनुसार ही कटऑफ रहने की संभावना है. इस बार भी 720 में से 720 अंक तक छात्र को प्राप्त हुए हैं. एक नहीं तीन छात्र रैंक वन में है. नीट 2020 में बिहार के ऑल इंडिया 15 प्रतिशत कोटे के साथ-साथ बिहार स्टेट का कटऑफ भी बढ़ गया था. मॉपअप राउंड के तहत करीब 617-618 अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को सरकारी मेडिकल कॉलेज की अंतिम सीट मिल गई थी. इस बार भी स्थिति कमोबेश यही रहने की उम्मीद है. मधुबनी के जेया बेलाल को 720 में 715 अंक प्राप्त हुए हैं. वहीं, दर्श को 706 व रमन को 705 अंक प्राप्त हुए हैं.
बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 85 प्रतिशत सीटों पर बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पार्षद बीसीईसीईबी द्वारा एडमिशन प्रक्रिया आयोजित कराई जाएगी. एमबीबीएस में 1703 तथा बीडीएस की 235 सीटों पर 2021 में एडमिशन होना है. इसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की लिए 1070 सीटे हैं. वहीं प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए 700 सीटें हैं. सरकारी बीडीएस में 35 सीटें हैं तथा निजी में 200 सीटें पर दाखिल होगा.
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ओपनिंग व क्लोजिंग रैंक पर ध्यानः
2018 में सामान्य वर्ग के छात्र का एमबीबीएस के पिछले साल 539 कटऑफ पर एडमिशन शुरू हुआ था, लेकिन 2019 में सामान्य श्रेणी के छात्रों का फर्स्ट लिस्ट में सिलेक्शन 599 अंक पर जबकी अंतिम सिलेक्शन में 568 अंक पर हुआ था. एसटी छात्र का कटऑफ 2018 में 502 और 2019 में घटकर 478 ओपनिंग अंक हो गया था. अंतिम एडमिशन 408 अंक पर हुआ था. 2018 में एससी का कटऑफ 493 अंक से गिरकर 2019 में 417 अंक हो गया था. वहीं, निजी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन के लिए सामान्य वर्ग के छात्रों का कटऑफ (ओपनिंग) 472 अंक था.
2020 में 15% कोटे के तहत सीटें
वर्ग रैंक
सामान्य 15038
डीडब्ल्यूएस 14389
सामान्य (इएसआई कोटा) 49922
जनरल (पीडब्ल्यूडी) 591575
ओबीसी 13423
ओबीसी (ईएसआई कोटा) 56442
ओबीसी (पीडब्लूडी) 447403
एससी 81121
एससी (इएसआई कोटा) 22275
एसी (पीडब्लूडी) 759769
एसटी 96759
एसटी (इएसआई कोटा) 789259
एसटी (पीडब्लूडी) 815024
सरकारी कॉलेजों में स्टेट कोटे के तहत सेकेंड काउंसलिंग का रैंक
कोटा स्टेट रैंक
सामान्य 690
एससी 211
ओबीसी 410
एसटी 25
ईबीसी 360
ईडब्ल्यूएस 255
आरसीजी 25
सुबे के कॉलेजों में 60-65% लड़कियों को मिलेगा मौका
बिहार के मेडिकल व इंजीनिसरिंग कॉलेज में 33% सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित रहेगी. यह नियम 2021 से ही लागू हो जाएगा. स्टेट कोटे के तहत बिहार में इंग्लिश की 1070 सीटें है. इनमें से अब 33% सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित होगी. अब 1070 सीटों में से करीब 353 सीटें लड़कियों के लिए रहेगी. जैसे पटना मेडिकल कॉलेज में स्टेट कोटे के तहत 165 सीटें हैं. इनमें से अब करीब 54 सीटों पर लड़कियां का एडमिशन होता है.
2020 में 40% छात्राओं का हुआ था एडमिशन
नीट 2020 में बीसीईसीईबी की ओर से बिहार स्टेट मेधा सूची के अनुसार टॉप के 1000 विद्यार्थियों में 612 छात्र तथा 388 छात्राएं शामिल थी. मेधा सूची में छात्राओं की भागीदारी 39 प्रतिशत रही. यह प्रतिशत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मेधा सूची के प्रथम 1000 रैंक में 388 छात्राएं शामिल थी. एडमिशन में करीब 40% छात्राओं की भागीदारी रही.
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