बिहार में बनेगी बड़ी-बड़ी इमारतें, नीतीश सरकार ने दी नए बिल्डिंग बायलॉज को मंजूरी

Haimendra Singh, Last updated: Tue, 22nd Feb 2022, 8:00 AM IST
  • सोमवार की सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई केबिनेट बैठक में नए बिल्डिंग बायलॉज को मंजूरी मिल गई है. अब देश के बड़े-बड़े शहर मुंबई, दिल्ली, पूना की तरह बिहार में भी बहुमंजिला इमारतें बनेगी. बिहार भवन उप विधि 2014 में संशोधन किया गया है.
नए बिल्डिंग बाइलॉज की मंजूरी के बाद बिहार में बनेगी बहुमंजिला इमारते.( फाइल फोटो )

पटना. बिहार के शहरों में अब बड़ी-बड़ी इमारतों का निर्माण किया जाएगा. राज्य सरकार ने नए बिल्डिंग बाइलॉज को मंजूरी दे दी है. सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(Nitish Kumar) की अध्यक्षता में हुए राज्य कैबिनेट की बैठक में इससे स्वीकृति दी गई. सरकार के इस फैसले के बाद महानगरों दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु जैसे शहरों की तरह ही राज्य के पटना सहित अन्य शहरों में बहुमंजिला इमारतें बनेंगी. बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि नए बाइलॉज से खासतौर पर ऊंची इमारतों के निर्माण कार्य को बढ़ावा मिलेगा तथा कम क्षेत्रफल वाले शहर में बढ़ती आबादी की आवास की जरूरतें पूरी हो जाएगी.

उप मुख्यमंत्री और सह नगर विकास एवं आवास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बताया कि बिहार भवन उप विधि 2014 में संशोधन के बाद शहरी क्षेत्रों में आवास की जरुरतों को पूरा किया जा सकेगा. इसके लिए इन शहरों में ऊंची इमारतें बनेगी. नए बाइलॉज की मंजूरी के बाद, अब 40 फीट या उससे अधिक चौड़ी सड़क पर बहुमंजिला भवन बनाने के लिए ऊंचाई का कोई प्रतिबंध नहीं होगा. वहीं 30 फीट चौड़ी सड़क पर अधिकतम 22 मीटर ऊंचाई वाले जी प्लस 6 भवन का निर्माण किया जा सकेगा. बता दें कि पहले बिहार में 40 फीट चौड़ी सड़क पर अधिकतम 24 मीटर ऊंची इमारत बनाने की अनुमति थी, लेकिन 60 फ़ीट से चौड़ी सड़क पर बहुमंजिला इमारत बनाने पर कोई प्रतिबंध नहीं था.

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गंगा किनारे निर्माण की अनुमति नहीं

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार भवन उपविधि 2014 में गंगा नदी एवं अन्य नदियों के किनारे निर्माण पर प्रतिबंध से संबंधित प्रावधानों में भी आवश्यक संशोधन किए गए हैं. बताया कि गंगा के किनारे शहर सुरक्षा दीवार से शहरी इलाके की ओर 15 मीटर भूमि के अंदर, गंगा नदी के किनारे तटबंध के निचले किनारे से शहरी इलाके की ओर 25 मीटर की भूमि के अंदर निर्माण अथवा पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं होगी. गंगा नदी के अलावा अन्य नदियों के मामले में अधिकतम आसिलेटेड किनारे से 30 मीटर की भूमि पट्टी के अंदर किसी भवन के निर्माण या पुनर्निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों का किनारा अक्षुण्ण रहे तथा उसकी अविरलता और निर्मलता बरकरार रखने के लिए नए बिल्डिंग बायलॉज में आवश्यक प्रबंध किए गए हैं.

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