Bihar Panchayat Election 2021: बिहार में दागी मुखिया लड़ सकेंगे पंचायत चुनाव, नया आदेश जारी

Anurag Gupta1, Last updated: Sun, 19th Sep 2021, 4:56 PM IST
बिहार में पिछले कार्यकाल में गड़बड़ी के आरोपी भी पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे. रोहतास के चेनारी जिले में दस मुखियों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने कार्यकाल के दौरान काम में गड़बड़ी के आरोप में रोक लगा दी है. लेकिन पटना में आठ दागी मुखियों पर अभी तक दोष सिध्द नहीं हुआ है जिसके चलते वो चुनाव लड़ सकेंगे.
दागी प्रतिनिधि भी लड़ सकेंगे बिहार पंचायत चुनाव

बिहार. पटना में इस बार दागी प्रत्याशी भी चुनाव लड़ पाएंगे. जिन पर पहले कार्यकाल के दौरान विकास के लिए आई धनराशि का गलत इस्तेमाल करने का आरोप था. लेकिन पंचायती राज विभाग की ओर से अभी तक दोषी करार नहीं दिए जाने के चलते इस बार पंचायत प्रतिनिधि का चुनाव लड़ सकते हैं. आपको बता दें कि रोहतास के चेनारी जिले में दस मुखियों पर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने कार्यकाल के दौरान काम में गड़बड़ी के आरोप में रोक लगा दी है. लेकिन पटना में आठ दागी मुखियों पर अभी तक दोष सिध्द नहीं हुआ है इसलिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने के संबंध में अभी कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है.

बता दें पंचायत चुनाव वही प्रत्याशी लड़ सकते हैं जिन पर गड़बड़ी का कोई आरोप न हो. ऐसे में पिछले महीनें पटना के आठ मुखियों के चुनाव ल़ड़ने को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी क्यूंकि उन पर गड़बड़ी के आरोप थे. लेकिन पंचायती राज विभाग ने अभी तक उन्हें दोषी करार नहीं दिया है इसलिए उनके चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगाई गई है. इन आठ नामों में पटना सदर,नौबतपुर, धनरूआ और बिहटा प्रखंडों के मुखियाओं का नाम शामिल था. उन पर विकास कार्य में गड़बड़ी को लेकर अलग-अलग आरोप लगे थे. जैसे गलियों में नाली बनाने के लिए और जल जीवन हरियाली के लिए खाते में मिली धनराशि का इस्तेमाल निजी कार्य में लगाने का आरोप लगा था. कुछ मुखियाओं पर बिना कार्य किए पैसे निकालने का आरोप था.

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चुनाव लड़ने पर रोक न लगने की वजह:

मुखियाओं पर आरोप था कि बिना विकास कार्य कराए योजना के नाम पर अधिक पैसों का भुगतान करवा लिया. किसी पर योजना में घोटाले करने का आरोप है. नियम के अनुसार ऐसे प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकते हैं. लेकिन जिला पंचायत राज पदाधिकारी की अनुशंसा पर डीएम ने पिछले साल दागी मुखियाओं पर कार्रवाई के लिए पत्र भेजा था लेकिन विभाग किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाया न ही कोई दिशानिर्देश दिया. जिसके चलते ऐसे प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक नहीं लगी है.

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