बिहार पंचायत चुनाव: खर्च का लेखा-जोखा नहीं देने वाले होंगे प्रधानी की दौड़ से बाहर
- बिहार पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों को 31 मार्च 2021 तक खर्च का अंकेक्षण करना होगा. ऐसा न करने वाले उम्मीदवार को चुनाव नहीं लड़ने दिया जाएगा. ये आदेश पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने जारी किया है.

पटना. बिहार में जल्द ही पंचायत चुनाव होने वाले हैं. इसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी है. इसी बीच पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने एक आदेश जारी किया है. इस आदेश में कहा गया कि 31 मार्च तक खर्च की जांच नहीं कराने वाले मुखिया उम्मीदवार अयोग्य घोषित कर दिए जाएंगे.
इस बारे में पंचायती राज विभाग ने कहा कि राज अधिनियम के अनुसार अंकेक्षण समय पर करवाना अनिवार्य है. अगर कोई मुखिया इस काम को नहीं करते हैं तो माना जाएगा कि वो संवैधानिक दायित्व को निभाने में असफल रहे हैं. विभाग ने कहा कि ऐसा नहीं करने वाले मुखिया अयोग्य घोषित किए जाएंगे.
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चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी प्रत्याशी को ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे धर्म, संप्रदाय और जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या उनमें विद्वेष और तनाव पैदा हो. चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि उपासना के किसी स्थल जैसे मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर और गुरुद्वारे को इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं करना चाहिए.
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राजनीति पार्टियां बिहार पंचायत चुनाव में अपने उम्मीदवारों के समर्थन में पूरे जोर-जोश से काम कर रहे हैं लेकिन पार्टी का झंडा या प्रचार नहीं हो पाएगा. आपको बता दें कि उम्मीदवारों के पार्टी के झंडे या बैनर की आड़ में चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी गई है.
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पुलिस सूत्रों के अनुसार, पश्चिमी क्षेत्र के कई नक्सली पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. वे युवकों की माध्यम से फंड जुटा रहे थे. इसके अलावा अपने क्षेत्र की आबादी को जोड़ने में युवकों की मदद ले रहे थे ताकि चुनाव में उतरने में मददद मिले. वे अपनी छवि को समाजसेवी की तरह बनाना चाह रहे हैं.
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