बिहार में मंत्रियों, अफसरों को घर में ही धुलवाना होगा कपड़ा, धोबियों ने किया दोनों का बहिष्कार, पढ़ें क्यों

Ankul Kaushik, Last updated: Fri, 18th Feb 2022, 3:24 PM IST
  • बिहार में धोबी महासंघ ने 1 मार्च से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही पटना जिले के छह धोबीघाट के धोबियों ने एक बड़ा फैसला लिया है कि 1 मार्च से मंत्री और अधिकारियों के कपड़े नहीं धुलेंगे.
धोबीघाट (फाइल फोटो)

पटना. बिहार में मुख्यमंत्री, सांसदों, विधायकों और पाषर्दों के कपड़ों की चमक अब जल्द खत्म हो सकती है. क्योंकि पटना के धोबियों ने ऐलान कर दिया है कि एक मार्च से वह किसी भी माननियों के कपड़े वह नहीं धोएंगे. पटना जिले के छह धोबीघाट घाट के धोबियों ने 1 मार्च से मंत्री और अधिकारियों के कपड़ने नहीं धोने का फैसला किया है. इतना ही नहीं नाराज घोबियों ने मार्च में बिहार विधानसभा के चालू सत्र अवधि में विधानसभा के घेराव करने का ऐलान भी कर दिया. धोबियों के इस फैसले को लेकर माना जा रहा है अपनी बात मनवाने के लिए धोबियों भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका कहना है कि यदि उनके घोबी घाटों का जीर्णोंद्धारनहीं किया गया तो वो माननियों के कपड़े नहीं धोएंगे.

इस फैसले को लेकर पटना के धोबियों ने मांग की है कि सभी धोबीघाटों का जीर्णोंद्धार किया जाए. अगर बिहार सरकार हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो जल्द ही हम सरकार के विरोध में सड़क पर उतरेंगे. इस मामले को लेकर न्यू कैपिटल धोबीघाट संघ के रामविलास प्रसाद ने कहा कि वह लंबे समय से धोबीघाट के जीर्णोंद्धार की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही रामविलास ने कहा कि पटना नगर निगम की 25वीं सशक्त समिति की 24 अगस्त 2018 को हुई बैठक में निर्णय किया गया था कि पटना के 6 धोबीघाटों का जीर्णोधार कराया जाएगा.

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हालांकि तीन साल बीतने के बाद भी इन घाटों का जीर्णोंद्धार नहीं हुआ है. हालांकि इसके लिए प्राकलन बनाकर टेंडर भी किया गया लेकिन 3 साल बाद भी एक भी घाट का जीर्णोंद्धार नहीं किया गया. इसके साथ ही रामविलास प्रसाद ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इस महीने के अंत तक धोबीघाटों के जीर्णोंद्धार का काम शुरू नहीं हुआ तो 1 मार्च से बिहार के मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों, सभी सांसदों, सभी विधायकों और सभी पार्षदों के कपड़े धोने बंद कर दिए जाएंगे.

 

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