ऑनलाइन जानकारी की मदद से कृषि यंत्रों को किराए पर ले सकेंगे किसान, जल्द लागू होगी योजना
- किसानों की आय दोगुना करने के लिए कृषि विभाग नई योजना लेकर आई है. जिसके तहत किसान समूहों, एफपीओ, जीविका और समृद्ध किसानों द्वारा अनुदान पर खरीदे गए कृषि यंत्र और बैंकों की जानकारी ऑनलाइन होगी. जिसकी मदद से किसान बैंकों का ऑनलाइन ब्योरा देखकर कृषि यंत्र किराये पर ले सकेंगे. सरकार भी कृषि यंत्रों पर सब्सिडी प्रदान करेगी.

पटना. बिहार में कृषि विभाग ने किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब किसान समूहों, एफपीओ, जीविका और समृद्ध किसानों द्वारा अनुदान पर खरीदे गए कृषि यंत्र और बैंकों की जानकारी ऑनलाइन होगी. इसके अलावा पंचायत स्तर की भी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध होगी. जिसकी मदद से किसान बैंकों का ऑनलाइन ब्योरा देखकर कृषि यंत्र किराये पर ले सकेंगे. कृषि विभाग प्रमाण आधारित योजना को शीघ्र ही लागू करने पर काम कर रहा है. इस योजना के लागू होने के बाद किसान जरुरी कृषि यंत्र का उपयोग कर सकेंगे.
इसके अलावा कृषि विभाग के एप का इस्तेमाल करके किसान जरुरी जानकारी हासिल कर सकेंगे. विभाग के मुताबिक राज्य में 25 लाख से ज्यादा किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग रहे हैं. सरकार किसानों को जागरूक करने के लिए किसान चौपाल भी लगा रही है. कृषि विभाग की योजना के तहत सरकार किसानों को रोटावेटर, रीपर बाइंडर, धान थ्रेसर, गेहूं थ्रेसर, जीरो टिलेज, ट्रैक्टर, हार्वेस्टर समेत किसी भी तरह के कृषि यंत्र खरीदने के लिए सब्सिडी प्रदान करेगी. कृषि यंत्र चलाने के लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है.
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कृषि विभाग का इस योजना को शुरू करने का मक्सद किसानों को उन्नत कृषि से जोड़ना है. अधिकारियों के मुताबिक किसानों की कृषि लागत कम और आमदनी दोगुनी करने के लिए यह पहल की जा रही है. वर्तमान समय में बिना यंत्रों के उन्नत कृषि की कल्पना नहीं की जा सकती है. ट्रैक्टर ने कृषि कार्य को बहुत अधिक सुगम बना दिया है. ट्रैक्टर से खेत की जुताई, बोवाई, सिंचाई, फसल की कटाई, ढुलाई आदि कार्य किसान काफी दक्षता से और कम समय में कर रहे हैं.
सरकार भी किसानों को समय-समय पर कई कृषि यंत्रों पर सब्सिडी भी उपलब्ध कराती है. जिससे उनको फायदा मिसल सके. इसके साथ ही अन्य कृषि यंत्रों जैसे रोटावेटर, तवेदार हैरो, कल्टीवेटर, डिबलर, पावर वीडर, पावर टिलर, थ्रेसर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल आदि को जोड़कर खेती के काम को सुगम बनाया जाता है. इन्हें उपयोग में लाने से किसानों को भी फायदा होगा.
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