बेल चाहिए तो कोरोना अस्पताल में 3 माह सेवा करो... पटना हाईकोर्ट का अनोखा आदेश
- जमानत चाहिए तो कोरोना अस्पताल में तीन माह मरीजों सेवा करो। जमानत की यह अनोखी शर्त पटना हाईकोर्ट ने रखी है। बेगूसराय एससी-एसटी थाना के एक मामले में अभियुक्त मनोज कुमार को इसी शर्त पर जमानत दी गई है।

कोरोना वायरस संकट के दौर में अपने अनोखे आदेशों को लेकर पटना हाईकोर्ट बीते कुछ सयम से लगातार सुर्खियों में है। कोरोना लॉकडाउन के बीच पटना हाईकोर्ट ने बेगूसराय जिले के निवासी एक आरोपी को जमानत के लिए ऐसा आदेश दिया, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। जमानत चाहिए तो कोरोना अस्पताल में तीन महीने मरीजों की सेवा करो। जमानत की यह अनोखी शर्त पटना हाईकोर्ट ने रखी है। बेगूसराय एससी-एसटी थाने के एक मामले में अभियुक्त मनोज कुमार को इसी शर्त पर जमानत दी गई है। उसे स्वयंसेवक के रूप में कोरोना अस्पताल में सेवा देनी होगी। मनोज कुमार अब बेगूसराय सिविल सर्जन कार्यालय में रिपोर्ट करेंगे।
एससी-एसटी थाने के एक मामले में मनोज कुमार ने जमानत याचिका दायर की थी। इसकी सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति डॉ. अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने आदेश दिया कि आवेदक जिला स्वास्थ्य केंद्र के कोविड-19 अस्पताल में स्वयंसेवक के रूप में तीन माह तक लगातार अपनी सेवा देगा। यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पटना हाईकोर्ट ऐसा अनोखा आदेश दे चुका है।
दलित उत्पीड़न का आरोपी
दरअसल, महेशबाड़ा निवासी मनोज सिंह 25 जनवरी से बेगूसराय जेल में बंद था। एससी-एसटी थानेदार चंदा रानी ने बताया कि मनोज पर एक महिला के साथ मारपीट, छेड़खानी और गाली-गलौज करने का आरोप था। इसी मामले में जमानत के लिए हाईकोर्ट ने अनोखी शर्त रखी है।
हाईकोर्ट पहले भी दे चुका है अनोखा आदेश
कोरोना लॉकडाउन के बीच पटना हाईकोर्ट ने बेगूसराय जिले के निवासी एक आरोपी को जमानत के लिए ऐसा आदेश दिया, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। दरअसल, पटना हाईकोर्ट ने आरोपी को कोरोना यानी कोविड-19 अस्पताल में तीन महीने तक मरीजों की सेवा करने का अनोखा आदेश दिया है। यहां ध्यान देने वाली बात है कि यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी पटना हाईकोर्ट ऐसा अनोखा आदेश दे चुका है।
बिल्डर कर रहे थर्मल स्क्रीनिंग: हाईकोर्ट से मिली सजा के बाद पटना के एक बिल्डर सिविल कोर्ट में लगातार लोगों के तापमान नापने की ड्यूटी कर रहे हैं। यह ड्यूटी सिविल सर्जन डॉ. आरके चौधरी ने दी है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश पर बिल्डर खालिद राशिद को कोरोना ड्यूटी दी गई है।
पीएम केयर फंड में जमा कराए दंड शुल्क: शराब पकड़े जाने के मामले में भी हाईकोर्ट अनोखा दंड दे चुका है। जब्त शराब की मात्रा के हिसाब से पीएम केयर फंड में दंड शुल्क जमा कराया। मामले में ट्रक पकड़े जाने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। अन्य मामलों में पांच हजार, दस हजार, सात हजार रुपये जुर्माना लगाया गया था। सबसे कम तीन हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है।
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