दोबारा डिप्टी सीएम नहीं बन रहे सुशील मोदी क्या केंद्र में मंत्री बनेंगे ?

Smart News Team, Last updated: Sun, 15th Nov 2020, 11:04 PM IST
  • बिहार में रविवार को हुई एनडीए की बैठक के बाद चर्चा है कि सुशील मोदी एक बार सीएम नीतीश कुमार के डिप्टी सीएम नहीं बनने जा रहे हैं. ऐसे में अगर वे उप मुख्यमंत्री नहीं बनते हैं तो क्या इसे इशारा माना जाए कि वे आने वाले समय में राज्यसभा होते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल हो सकते हैं
दोबारा डिप्टी सीएम नहीं बन रहे सुशील मोदी क्या केंद्र में मंत्री बनेंगे ?

पटना. बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजे में बीजेपी-जेडीयू की एनडीए ने शानदार जीत हासिल की. जिसके बाद रविवार को बैठक हुई जिसमें नीतीश कुमार को एनडीए विधायक दल का नेता चुना गया. इससे साफ हो गया कि एक बार फिर नीतीश कुमार बिहार की कमान संभालेंगे. सोमवार को वे शपथ लेंगे लेकिन इस बार शायद उनके जोड़ीदार सुशील मोदी उनके साथ नहीं रहेंगे. दरअसल बैठक के बाद भाजपा के तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी के नई सरकार में डिप्टी सीएम होने की चर्चाएं जोरों पर हैं और कहा जा रहा है कि सुशील मोदी को केंद्रीय राजनीति में भेजा जा सकता है.

अब सवाल है कि अगर सुशील मोदी केंद्र की राजनीति में प्रवेश करते हैं तो उन्हें क्या नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री पद दिया जाएगा. अगर हां तो ऐसे में संभावना ये भी है कि सुशील मोदी को राम विलास पासवान की सीट से राज्यसभा भेजा जा सकता है. लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के निधन के बाद वह सीट खाली हो गई है जो दोबारा चुनाव में भी आराम से भाजपा को मिल जाएगी. इसलिए अब भाजपा अगर सुशील मोदी के प्राशसनिक अनुभव का लाभ केंद्र में लेना चाहती है तो रामविलास पासवान के बाद खाली हुई उनकी राज्यसभा सीट के जरिए मोदी को संसद भेजा जा सकता है.

बिहार में बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद होंगे नीतीश कुमार के डिप्टी सीएम!

हालांकि, ये सभी कयास हैं जिन्हें लेकर कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. लेकिन जब से बिहार के लिए नए डिप्टी सीएम के नाम सामने चर्चा में आए हैं तब से बिहार भाजपा के दिग्गज नेता सुशील मोदी को केंद्र की राजनीति में भेजने जैसी चर्चाएं तेज हो गई हैं.

दूसरी ओर सुशील मोदी ने भी रविवार को ही बैठक के बाद एक ऐसा ट्वीट भी किया जिसे देखकर चर्चाओं को और ज्यादा हवा मिल गई. ट्वीट में सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा एवं संघ परिवार ने मुझे ४० वर्षों के राजनीतिक जीवन में इतना दिया की शायद किसी दूसरे को नहीं मिला होगा. आगे भी जो ज़िम्मेवारी मिलेगी उसका निर्वहन करूंगा. कार्यकर्ता का पद तो कोई छीन नहीं सकता.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें