सम्राट अशोक औरंगजेब विवाद: BJP का दावा- पार्टी में नहीं हैं दया प्रकाश सिन्हा, पटना में कराई FIR

Jayesh Jetawat, Last updated: Thu, 13th Jan 2022, 11:48 PM IST
  • बिहार के बीजेपी अध्यक्ष संजय जायसवाल ने पटना में सम्राट अशोक को औरंगजेब जैसा बताने वाले साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. उन्होंने कहा कि सिन्हा बीजेपी के सदस्य नहीं हैं.
साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ पटना में केस दर्ज (फाइल फोटो)

पटना: पद्मश्री और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक दया प्रकाश सिन्हा के सम्राट अशोक की तुलना मुगल शासक औरंगजेब से करने पर बिहार में राजनीतिक उबाल है. बीजेपी ने दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ पटना के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. बीजेपी ने उनके पार्टी के पदाधिकारी होने के दावे को भी खारिज किया है. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि दया प्रकाश सिन्हा उनकी पार्टी के सदस्य नहीं हैं. ना ही वे बीजेपी कल्चरल सेल के राष्ट्रीय संयोजक हैं.

इससे पहले बीजेपी के सहयोगी दल जदयू ने दया प्रकाश सिन्हा से पद्श्री पुरस्कार छिनने के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और पीएम नरेंद्र मोदी से गुहार लगाई. इसके बाद बिहार बीजेपी के प्रवक्ता निखिल आनंद ने भी सिन्हा के इस बयान को उनकी घटिया मानसिकता की साहित्यिक उपज करार दिया.

यहां पढ़ें पूरा विवाद-

सम्राट अशोक को औरंगजेब जैसा बताने पर विवाद

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े साहित्यकार दया प्रकाश सिन्हा को हाल ही में उनके नाटक 'सम्राट अशोक' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा कि शुरुआती जीवन में सम्राट अशोक मुगल शासक औरंगजेब की तरह ही क्रूर था. बाद में अपने पाप छिपाने के लिए दोनों ने अतिधार्मिकता का सहारा लिया था.

बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष संजय जायसवाल ने कोतवाली थाने में दर्ज अपनी शिकायत में कहा कि सिन्हा ने विकिपीडिया पेज पर खुद को वर्तमान में भाजपा कल्चरल सेल के राष्ट्रीय संयोजक के रूप में वर्णित किया है. ये तथ्य पूरी तरह से गलत है. वह किसी भी तरह से भाजपा से नहीं जुड़े हैं. उन्होंने सिन्हा पर अपने साक्षात्कारों के माध्यम से विभिन्न समुदायों के बीच नफरत फैलाने का भी आरोप लगाया.

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पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने भी गुरुवार को सिन्हा के खिलाफ मोर्चा खोला. उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक को इसलिए बदनाम किया जा रहा है क्योंकि वह एक पिछड़े वर्ग से थे. सामंती मानसिकता वाले लोग दलितों, आदिवासियों और ओबीसी की सत्ता में शीर्षता को बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने भी राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से सिन्हा को दिए गए पद्म श्री को वापस लेने का आग्रह किया.

हिंदुस्तान टाइम्स ने दया प्रकाश सिन्हा ने उनका पक्ष जानने की कोशिश की. उनके मोबाइल नंबर पर फोन किया गया लेकिन वो स्वीच ऑफ मिला.

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