जयप्रकाश यूनिवर्सिटी में पॉलिटिकल साइंस पीजी कोर्स से जेपी बाहर, सिलेबस से लोहिया भी आउट
- जयप्रकाश नारायण यूनिवर्सिटी की पॉलिटिकल साइंस पीजी कोर्स के सिलेबस से लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचारों को हटा दिया गया है. जेपी नारायण के साथ-साथ राम मनोहर लोहिया, दयानंद सरस्वती, राजा राम मोहन रॉय, बाल गंगाधर तिलक समेत कई और विचारकों को सिलेबस के बाहर कर दिया गया है.
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पटना: बिहार के जयप्रकाश नारायण यूनिवर्सिटी की पॉलिटिकल साइंस पीजी कोर्स के सिलेबस से लोकनायक जयप्रकाश नारायण के विचारों को हटा दिया गया है. जेपी नारायण के साथ-साथ राम मनोहर लोहिया, दयानंद सरस्वती, राजा राम मोहन रॉय, बाल गंगाधर तिलक समेत कई और विचारकों को सिलेबस के बाहर कर दिया गया है.
जयप्रकाश नारायण यूनिवर्सिटी के नए सिलेबस के मुताबिक जेपी नारायण और लोहिया के विचारों को पीजी कोर्स से बाहर कर दिया गया है. जबकि सिलेबस में नए नाम जोड़े गए हैं. इनमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय, सुभाष चंद्र बोस, ज्योतिबा फुले समेत कई नाम शामिल हैं.
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राज्य उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष कामेश्वर झा ने कहा कि एसएचईसी के माध्यम से राजभवन द्वारा जांच किए बिना पाठ्यक्रम में बदलाव का ऐसा निर्णय विश्वविद्यालय नहीं ले सकता है. उन्होंने कहा, "मैंने वीसी से इस मामले को देखने के लिए कहा है, क्योंकि यह एक संवेदनशील मुद्दा है क्योंकि जेपी का नाम हमेशा के लिए संस्था से जुड़ा हुआ है."
मालूम हो कि जय प्रकाश यूनिवर्सिटी से जेपी नारायण के विचारों को हटाए जाने को लेकर वहां के छात्रों में रोष है. जानकारी के मुताबिक इस मामले को लेकर छात्र काफी जोर-शोर से विरोध कर सकते हैं. छात्रों ने जयप्रकाश यूनिवर्सिटी प्रशासन को इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करते हुए ज्ञापन भी सौंप दिया है और आंदोलन की बात की है.
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वहीं जेपी यूनिवर्सिटी से लोकनायक जेपी नारायण के विचारों को ही हटाने के मामले पर बिहार में भी राजनीति गरमा गई है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने ट्वीट कर कहा कि, "मैंने जयप्रकाश नारायण के नाम पर अपनी कर्मभूमि छपरा में 30 वर्ष पूर्व जेपी विश्वविद्यालय की स्थापना की थी. अब उसी यूनिवर्सिटी के सिलेबस से संघी बिहार सरकार तथा संघी मानसिकता के पदाधिकारी महान समाजवादी नेताओं जेपी-लोहिया के विचार हटा रहे हैं. यह बर्दाश्त से बाहर है. सरकार तुरंत संज्ञान लें."
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