मिट्टी में पाई गई कार्बन की कमी, सेहत दुरुस्त करने को राज्य कृषि विभाग बनाएगा 'बायोचार'
- राज्य के सभी जिलों की मिट्टी में कार्बन की कमी पाई गई थी. इसके बाद फैसला लिया गया कि मिट्टी की खराब होती स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए राज्य कृषि विभाग बायोचार बनाएगा. बायोचार बनाने के लिए पराली को उच्च तापमान पर जलाया जाएगा.

पटना: राज्य में मिट्टी की स्थिति बेहद खराब पाई गई है. हाल ही में राज्य के सभी जिलों के मिट्टी में कार्बन की कमी पाई गई. मिट्टी में कार्बन की कमी से फसल की पैदावर कम हो जाती है. कार्बन मिट्टी को ऊसर, बंजर, अम्लीय और क्षारीय होने से बचाता है. अगर मिट्टी में कार्बन की मात्रा अच्छी होती है तो इससे मिट्टी में जल को अवशोषित करने की क्षमता भी बढ़ जाती है.ऐसे में मिट्टी की खराब होती स्थिति को दुरुस्त करने के लिए बायोचार बनाने का फैसला लिया गया.राज्य सरकार की कृषि विभाग बायोचार बनाएगी.
क्या है प्रकिया- कृषि विभाग किसानों से पराली खरीदेगा और सभी कृषि केंद्रो में इसे जलाने के लिए भट्टी लगाएगा. एक भट्टी लगाने के लिए 1.5 लाख रुपये खर्च होंगे. वहीं खास बात ये है कि तैयार होने के बाद किसानों को मुफ्त में बायोचार दिया जाएगा.इससे किसानों द्वारा पराली जलाने की घटना कम होगी और पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं होगा.
महिलाओं का सुरक्षा कवच बनेगा ये मोबाइल एप, मुसीबत में एक बटन दबाते ही मिलेगी मदद
इस तरह तैयार होगा बायोचार- धान के पुआल (पराली) को 400 डिग्री सेंटीग्रेड के उच्च तापमान पर जलाया जाता है. जलाने के बाद जो कार्बन का अवशेष बचता है उसे ही बायोचार कहते हैं. जितनी पराली जलाई जाती है, उसका 60 प्रतिशत बायोचार निकलता है. इस बायोचार को मिट्टी में मिटाने से मिट्टी में कार्बन की कमी को दूर किया जाता है.
शाहाबाद से होगी योजना की शुरुआत- हाल ही में हवाई सर्वे के दौरान यह पाया गया था कि सबसे ज्यादा पराली जलाने की घटना शाहाबाद में हो रही है. इसलिए इसकी शुरुआत शाहाबाद से की जाएगी.
बिहार की बेटी 'तनु' बनी हौसले की मिसाल, दोनों हाथ गंवाने के बाद पैरों से लिखकर पहुंची दसवीं क्लास
अन्य खबरें
बोरे में मिले लड़के के शव से आंखें गायब, घर वालों ने कहा दो दिन पहले शौच को निकला था बेटा
महिलाओं का सुरक्षा कवच बनेगा ये मोबाइल एप, मुसीबत में एक बटन दबाते ही मिलेगी मदद