बिहार में मीटिंग-बैठक से DM को राहत, चीफ सेक्रेटरी Ok करेंगे गूगल या जूम मीट
- बिहार में जिलों के डीएम से वीडियो कॉन्फ्रेसिंग या ऑनलाइन मीटिंग करने के लिए राज्य के सभी विभागों को मुख्य सचिव कार्यालय से अनुमति लेनी होगी. विभाग कहना है कि बिना अनुमति के जिलाधारियों को घंटों मीटिंग में बैठाया जाता है जिससे जिले के दैनिक कार्यों को पूरा करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
पटना. बिहार में किसी भी विभाग को मुख्य सचिव की अनुमति के बिना किसी भी जिलाधिकारी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करने की अनुमति नहीं होगी. मुख्य सचिव कार्यालय ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए है. सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिवों को दिशा-निर्देश में साफ कहा गया है कि किसी मुख्य सचिव की अनुमति के बिना जिलाधिकारियों के साथ कॉनफेंसिंग नहीं होगी, यदि किसी विभाग को डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या ऑनलाइन मीटिंग करनी भी होगी, तो इसके लिए मुख्य सचिव से अनुमति लेनी होगी.
मिली जानकारी के अनुसार, मुख्य सचिव कार्यलय के द्वारा विभागों को लिखे पत्र में कहा गया है कि कई बार जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग करने से संपदित कार्य में बांधा आ जाती है तथा मीटिंग के कारण जिलें में डीएम के सामान्य काम प्रभावित हो जाते है. जिससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दिशा-निर्देश में कहा गया है कि यदि किसी मीटिंग में जिलाधिकारी की जरुरत महसूस होती है तो इसके लिए पहले से मुख्य सचिव कार्यालय को सूचित किया जाए.
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बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा, ‘जिलाधिकारियों के पास कई तरह के काम होते हैं, जिन्हें उन्हें समय पर पूरा करना होता है। ऐसे में विभागों के द्वारा बार-बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठकें करने पर जिलाधिकारी का काफी समय उसमें चला जाता है। ऐसे में काम प्रभावित होता है। इसलिए विभागों के पूर्वानुमति के बाद ही बैठकें करने को कहा गया है.’
कोरोना काल में बढ़ा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का कल्चर
कोरोना काल में दुनियाभर में आवागमन पूरा तरह से बंद हो गया था. उस समय विभिन्न विभाग, सरकारी कार्य और स्कूलों को चलाने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या ऑनलाइन मीटिंग का कल्चर की शुरुआत हुई. समय के साथ-साथ कोरोना का प्रकोप तो कम हो गया, लेकिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की कल्चर बढ़ने लगा. इस कल्चर को लिए भी ज्यादा प्रभावशाली माना जा रहा है कि बड़ी-बड़ी मीटिंग में होने वाले खर्चो से निजात मिला है.
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