पंचायत चुनाव 2021: पंचायती उम्मीदवारों के प्रस्तावक नहीं बन सकेंगे सरकारी कर्मी

Smart News Team, Last updated: Mon, 1st Feb 2021, 7:41 AM IST
  • बिहार राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव 2021 में सरकारी कर्मियों को अयोग्य बताते हुए पंचायती चुनाव के उम्मीदवारों के प्रस्तावक बनने पर रोक लगा दी है. वहीं इसमें शिक्षक से लेकर आंगनबाड़ी, सरकारी अधिवक्ता से लेकर पंचायती कर्मी तक को प्रस्तावक नहीं बनाया जा सकता है.
पंचायती उम्मीदवारों के प्रस्तावक नहीं बन सकेंगे सरकारी कर्मी

पटना. बिहार में होने जा रहे पंचायती चुनाव 2021 में राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ बदलाव किए है. जिसके तहत इस बार किसी भी चुनाव क्षेत्र में नामांकन दाखिल करने के दौरान उम्मीदवार के प्रस्तावक कोई शिक्षक, प्रोफेसर या शिक्षकेतर कर्मी नहीं होने का निर्देश है. इतना ही नहीं राज्य निर्वाचन आयोग ने यब भी कहा है कि केवल राज्य ही नहीं बल्कि किसी स्थानीय प्राधिकार से पूर्णतः या आंशिक रूप से भी वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले शैक्षिक या गैर शैक्षिक संस्थानों में कार्यरत हो तो भी वह उम्मीदवार के प्रस्तावक नहीं हो सकते है.

इतना ही नहीं बल्कि आंगनबाड़ी सेविका, विशेष शिक्षा परियोजना, साक्षरता अभियान, विशेष शिक्षा केंद्रों में मानदेय पर कार्यरत अनुदेशक को भी राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रस्तावक बनने से रोक लगा दिया है. साथ ही संविदा पर भी कार्य कर रहे कर्मियों पर भी प्रस्तावक बनने से रोक लगाई है. वहीं पंचायत के मानदेय या संविदा पर कार्य करने वाले कर्मियों पर भी प्रस्तावक बनने से रोक लगा दिया है.

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साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत शिक्षा मित्र, न्याय मित्र, विकास मित्र के साथ अन्य कर्मीयों को भी उम्मीदवारों का प्रस्तावक बनने से मना कर दिया है. सिर्फ पंचायत कर्मी या शिक्षक कर्मियों को ही नहीं बल्कि सरकारी अधिवक्ता, लोक अभियोजक को भी पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के प्रस्तावक के रूप में अयोग्य बता रोक लगा दी है. साथ मे ये भी कहा है कि सहायक लोक अभियोजक वेतनभोगी सरकारी सेवक है, इसलिए इन्हें प्रस्तावक नहीं बनाया जा सकता है. साथ ही यह भी कहा है कि एक फरवरी के बाद मतदाता सूची में कोई भी दावा या आपत्ति नहीं मानी जाएगी.

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