बिहार शिक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में पटना HC की फटकार, वेरिफाई होंगे डाक्यूमेंट

Smart News Team, Last updated: Thu, 28th Jan 2021, 7:35 PM IST
  • बिहार की 2006 से 2015 की शिक्षक भर्ती के फर्जीवाडे़ में पटना हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब बिहार सरकार शिक्षकों के दस्तावेजों का सत्यापन करेगी. इसके लिए शिक्षकों को अपने सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड करने होंगे.
बिहार में शिक्षकों को पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड करने होंगे. प्रतीकात्मक तस्वीर

पटना. बिहार की शिक्षक भर्ती के फर्जीवाड़े में एक लाख से ज्यादा सर्टिफिकेट फोल्डरों के गायब होने के बाद पटना हाईकोर्ट ने फटकार लगाई. जिसके बाद बिहार सरकार ने अब शिक्षकों के डाक्यूमेंट का वेरिफेशन करेगी. इसके लिए बेसिक शिक्षा डायरेक्टर ने डीईओ और डीपीओ को निर्देश भी दिए. आपको बता दें कि पटना हाईकोर्ट ने 2015 में फर्जी तरीकों से हुई शिक्षकों की भर्ती की विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे. तब से इस मामले में जांच ही चल रही है.

इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने जनवरी में हुई सुनवाई में अब तक हुई जांच के लिए नाराजगी जताते हुए कार्रवाई करने की बात कही थी. मिली जानकारी के अनुसार, फरवरी के पहले हफ्ते में पटना हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इसके बाद बेसिक शिक्षा के डायरेक्टर रणजीत सिंह ने सभी जिलों के डीईओ और डीपीओ को पत्र लिखकर 2006 से 2015 में हुई शिक्षक भर्ती के दस्तावेज के सत्यापन करने को कहा.

बिहार में शिक्षकों के पोर्टल पर प्रमाणपत्र न अपलोड करने पर जाएगी नौकरी

इसके बाद शिक्षकों को अपने सर्टिफिकेट, मार्कशीट, एप्लीकेशन और नियुक्ति पत्र वेब पोर्टल पर अपलोड करना होगा. एक तय समय सीमा में शिक्षकों को अपने सर्टिफिकेट अपलोड करने होंगे. जो शिक्षक पोर्टल पर सर्टिफिकेट अपलोड नहीं करता है, उसे अनियमित माना जाएगा.

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बेसिक शिक्षा के डायरेक्टर ने अपने पत्र में कहा कि ऐसे लोगों की नियुक्त गैर कानूनी माना जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी. शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए उनकी नौकरी खत्म कर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक मांग वसूली अधिनियम के तह उनकी सैलरी से वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. आपको बता दें कि 2006 से 2015 के बीच 3 लाख 52 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई थी. 1 लाख से ज्यादा फोल्डर गायब होने के बाद पटना हाईकोर्ट ने विजिलेंस जांच के आदेश दिए थे.

 

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