परिवहन विभाग की Dowry के खिलाफ पहल, चयनित अभ्यर्थियों को देना होगा दहेज न लेने का घोषणापत्र
- बिहार परिवहन विभाग ने चलंत दस्ता सिपाही के पद पर चयनित उम्मीदवारों से एक घोषणापत्र मांगा है जिसमें लिखा हो कि विवाह के समय हम दहेज नहीं लेंगे. अभ्यर्थियों को 10 मार्च तक यह घोषणापत्र डीटीओ कार्यालय में जमा कराना होगा.

पटना. बिहार में परिवहन विभाग ने दहेज-प्रथा के खिलाफ एक नई पहल की शुरुआत की है. विभाग ने सभी चयनित चलंत दस्ता सिपाही को नियुक्ति के समय डीटीओ कार्यालय(District Transport Office) में एक प्रमाण-पत्र जमा करने का आदेश दिया है जिसमें लिखा हो कि विवाह में 'हम दहेज नहीं लेंगे'. चलंत दस्ता सिपाही के लिए सफल हुए अभ्यर्थियों को 10 मार्च तक कार्यालय में प्रमाण-पत्र जमा करना होगा. परिवहन विभाग ने निर्देश दिया है कि यदि प्रमाण-पत्र में कोई गडबड़ी पाई जाती है तो उनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया जायेगा.
परिवहन विभाग के अनुसार, सभी चलंत दस्ता सिपाही के पद पर चयनित अभ्यर्थियों की चिकित्सा जांच पटना के सिविल सर्जन के अंतर्गत गठित चिकित्सा पर्षद से कराई गई थी, जिसमें इन उम्मीदवारों को अयोग्य घोषित कर दिया गया. बाद में पीएमसीएच(PMCH) में अभ्यर्थियों की दोबारा जांच करायी गई, जहां इन्हें योग्य पाया गया है. पीएमसीएच की जांच में पास होने के बाद परिवहन विभाग ने सभी अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश दे दिए है.
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बता दें कि इससे पहले राज्य सरकार ने बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा आयोजित 64 वीं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा में चयनित 40 अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश दिया था कि दहेज प्रथा को रोकने के लिए नए उप पुलिस अधीक्षकों (डीएसपी) को नियुक्ति के समय घोषणापत्र देना होगा. घोषणापत्र में लिखा हो कि न दहेज लेंगे और नहीं देंगे. शपथ पत्र के गलत भरने पर नौकरी जा भी सकती है.
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