बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ आसान, सरकार मुफ्त में देगी बिना गाड़ी वालों को ये सुविधा

Shubham Bajpai, Last updated: Wed, 29th Sep 2021, 12:23 PM IST
  • बिहार सरकार ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले उन आवेदकों को टेस्ट के लिए गाड़ी मुहैया कराएगी, जिनके पास खुद की गाड़ी नहीं है. इसके लिए उन्हें कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं देना होगा. अभी इस सुविधा की शुरुआत पटना और औरंगाबाद से की जा रही है. जल्द ही इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा.
अब बिना गाड़ी भी बनवा सकेंगे ड्राइविंग लाइसेंस, मिलेगी ये सुविधा

पटना. बिहार सरकार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वाले उन आवेदकों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है जो गाड़ी चलाना तो जानते हैं लेकिन उनके पास गाड़ी नहीं है. अब ऐसे आवेदकों को परिवहन विभाग गाड़ी मुहैया कराएगा. इसके लिए ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक का संचालन कर रही एजेंसी व्यवस्था करेगी. इसके लिए आवेदक को कोई एक्सट्रा फीस नहीं देनी होगी. अभी इसकी शुरुआत पटना और औरंगाबाद में की जा रही है.

सिर्फ ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक में मिलेगी ये सुविधा

परिवहन विभाग द्वारा शुरू की जा रही ये सुविधा अभी फिलहाल ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक में ही शुरू की जाएगी. इसकी शुरुआत पटना और औरंगाबाद से की जा रही है. इसके बाद अन्य जिलों में आटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक बनने के बाद ये सुविधा वहां भी लागू कर दी जाएगी. इस सुविधा के लिए आवेदक को कोई एक्सट्रा चार्ज नहीं देना होगा, लेकिन परिवहन विभाग ट्रैक का संचालन करनी वाली एजेंसी को प्रति आवेदक 100 रुपये इस सुविधा के लिए देगी.

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दिसंबर तक प्रदेश के सभी जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक बनाने का लक्ष्य

परिवहन विभाग ने ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक की सुविधा सभी प्रदेश में शुरू करने के लिए दिसंबर तक का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए राज्य के 20 जिलों को 75 लाख रुपये और छोटे जिलों को 50 लाख रुपये आवंटित की गए है. इन ट्रैक के बन जाने के बाद इन ट्रैक का संचालन करने वाली एजेंसी लाइसेंस बनवाने आने वाले आवेदकों के लिए गाड़ी की व्यवस्था करेगा.

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ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक से बढ़ेगी पारदर्शिता

प्रदेश के जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक बनने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में पारदर्शिता बढ़ने के साथ प्रक्रिया में भी बदलाव हो जाएगा. इस ट्रैक में कैमरे की निगरानी के साथ स्मार्ट तकनीक से टेस्ट होगा. जिससे ड्राइविंग स्किल को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. जिसके नंबर के अनुसार ही ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाएगा.

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