बिहार में किसानों को आफत बनी बारिश, दलहनी और तेलहनी फसलों को भारी नुकसान
- बिहार में बारिश और ओले गिरने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. कई इलाकों में दलहनी और तेलहनी की फसल बर्बाद हो गई हैं. इससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा.

पटना. बिहार में बेमौसम बारिश और ओले किसानों की मुसीबत बनकर आए हैं. अचानक वर्षा से दलहनी और तेलहनी की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. पहले ही ओलावृष्टि से तेलहनी फसलें प्रभावित हो चुकी थी. अब एक बार फिर बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर दिया है. पटना के बिहटा और नौबतपुर इलाके में कई किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.
बिहटा के किसान रामकृपाल सिंह के अनुसार, बाजार में सरसों तेल की बढ़ी कीमतों की वजह से इस बार ज्यादा जमीन पर सरसों की फसल की खेती की थी लेकिन बिना मौसम बारिश ने उनकी सारी फसल को बर्बाद कर दिया जिससे काफी भारी नुकसान उठाना पड़ा. सरसों के अलावा किसानों को कुछ उम्मीदें मसूर, चना दाल और मटर से थी लेकिन इस बारिश में वह भी पूरी तरह खत्म हो जाएंगी.
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कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, बारिश के कारण चना और मसूर की फसल में बढ़वार अधिक होगी लेकिन फलन कम होगा. किसानों को इससे बचने के लिए बारिश छूटने के दो दिन क्लोरेमेक्वाट क्लोराइड का प्रयोग करना होगा. ऐसा करने से गेहूं प्याज, चना, मसूर, सरसों, सब्जी, मूंग, मेंथा में बहुत उपयोगी होगा, साथ ही फसल गिरने से बचाव भी होगा. कृषि वैज्ञानिक के अनुसार, क्लोरेमेक्वाट क्लोराइड का इस्तेमाल 150 मिलीलीटर प्रति एकड़ करना चाहिए. फसल लगने के 50 से 55 दिन, 75 दिन एवं 90 से 95 दिन अर्थात 20 दिन के अंतराल पर तीन छिड़काव से बेहतर रिजल्ट मिलेगा.
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