BJP नेता हरि भूषण ठाकुर ने दिया बेतुका बयान, कहा- मुसलमानों से मतदान का अधिकार वापस ले सरकार

Sumit Rajak, Last updated: Fri, 25th Feb 2022, 8:43 AM IST
  • बिहार में बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर ने मुस्लिमों को लेकर बेतुका बयान दिया. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार को मुसलमानों से उनके वोट करने हक वापस ले लेना चाहिए. ठाकुर ने कहा, '1947 में धर्म के नाम पर देश का विभाजन हुआ था. तब मुस्लिमों को उनका देश मिल गया था और उन्हें वहां चला जाना चाहिए था.'
फाइल फोटो

पटना. बिहार विधानसभा का बजट सत्र आज यानी 25 फरवरी  से शुरू हो जाएगा. लेकिन सत्र के शुरू होने के पहले से ही सूबे का सियासी पारा चढ़ाना शुरू हो गया है. इसको लेकर नेताओं ने विभिन्न मुद्दों पर बयानबाजी शुरू कर दी है. इसी दौरान बीजेपी नेता विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने बेतुका बयान दिय . उन्होंने सरकार से अटपटी मांग की है कि सरकार को मुसलमानों से उनके वोट करने हक वापस ले लेना चाहिए. वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों को टारगेट करते हुए कहा कि  ये सभी इस्लामिक स्टेट बनाने की अजेंडा के तहत काम कर रहें है. ऐसे में सरकार इनसे मतदान का अधिकार वापस ले ले.

बीजेपी नेता ने कहा, " 1947 में धर्म के नाम पर देश का विभाजन हुआ था. उन्हें धर्म के आधार पर दूसरा देश मिल गया था. ऐसे में उन्हें वहीं चले जाना चाहिए था. लेकिन अगर अब वो देश में रह रहे हैं तो मैं सरकार से मांग करता हूं कि उनकी वोटिंग राइट को समाप्त कर दिया जाए. वो दूसरे स्तर के नागरिक बनकर भारत में रह सकते हैं." विधायक ने कहा, " वे लोग आईएसआई के एजेंडे के तहत भारत को इस्लामिक स्टेट बनाना चाहते हैं. अफगानिस्तान और पाकिस्तान में ये लोग क्या कर रहे हैं, वो सभी लोग देख रहे हैं. ये लोग इंसानियत के दुश्मन हैं. ऐसे में उनसे मतदान का अधिकार वापस ले लेना चाहिए. वो अल्पसंख्यक हैं ही नहीं. उनका एजेंडा है पूरे विश्व को इस्लामिक स्टेट बनाना."

बिहार: खगड़िया में बम ब्लास्ट, 12 लोग घायल, कचरे में था बम, जांच में जुटी ATS

दरअसल, बीते दिनों बिहार विधानसभा भवन के स्थापना दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें शुरुआत और अंत में भी राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत गाया गया. लेकिन असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के विधायकों ने राष्ट्रगीत गाने से मना कर दिया, जिससे बाद से इस बात पर विवाद जारी है. इसी मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक ने ये मांग की है.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें