LJP विवाद के बीच चिराग बने लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष, कार्यकर्ताओं ने दी बधाई

Ankul Kaushik, Last updated: Tue, 5th Oct 2021, 5:26 PM IST
  • चुनाव आयोग लोजपा नेता चिराग पासवान के गुट को नया चुनाव चिह्न हेलीकॉप्टर आवंटित किया है. इसके साथ ही चिराग को नई पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का नाम दिया है. वहीं चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद चिराग गुट के नेता और कार्यकर्ता उन्हें बधाई दे रहे हैं.
चिराग पासवान को नई पार्टी की बधाई देते कार्यकर्ता व नेता

पटना. चुनाव आयोग ने लोजपा में चल रहे विवाद का निस्तारण करते हुए लोजपा सांसद चिराग पासवान को नई पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) और हेलीकाप्टर चुनाव चिह्न आवंटित किया है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद चिराग गुट के नेता व कार्यकर्ताओं में खुशी है और उन्होंने चिराग पासवान को मिठाई खिलाते हुए बधाई दी है. वहीं चिराग के चाचा और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का नाम मिला है और चुनाव चिह्न सिलाई मशीन दिया गया है. चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद लोक जनशक्ति पार्टी औपचारिक रूप से दो हिस्सों में बंट गई है. बता दें की चुनाव आयोग ने यह फैसला बिहार विधानसभा उपचुनाव के चलते लिया है. हालांकि लोजपा और उसका चुनाव चिह्न बंगला पर आयोग का अंतिम फैसला 5 नवंबर को आएगा.

चुनाव आयोग ने चिराग और उनके चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व वाले दो गुटों के बीच चल रहे विवाद के बीच यह फैसला सुनाया है. इससे पहले चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के चुनाव चिन्ह को जब्त कर लिया था. चुनाव आयोग ने कहा था कि लोजपा के चुनाव चिन्ह या पार्टी के नाम को दोनों गुटों में से कोई भी बिहार विधानसभा उपचुनाव में प्रयोग नहीं करेगा. बिहार में दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 30 अक्टूबर को होने हैं जिसमें बिहार की कुशेश्वरस्थान और तारापुर विधानसभा सीटों पर मतदान होना है. इन सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए एनडीए और राजद ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है.

चुनाव आयोग: लोजपा अब 2 पार्टी, चिराग का सिंबल हेलीकॉप्टर, पारस का सिलाई मशीन

वहीं चुनाव आयोग के फैसले पर चिराग के चाचा और केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री पशुपति कुमार ने कहा कि हम इस फैसले का स्वागत करते हैं. हालांकि असली लोजपा और उसके चुनाव चिन्ह बंगला का फैसला हमारे पक्ष में आएगा क्योंकि असली लोजपा हमारी है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें