बिहार में बीजेपी के साथ मणिपुर फॉर्मुले पर चुनाव लड़ेगी चिराग पासवान की लोजपा
- लोजपा और भाजपा 2017 के मणिपुर चुनावी समीकरण को दोहराने का फैसला कर चुकी हैं. रविवार को संसदीय बोर्ड की बैठक में पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसकी जानकारी दी.

पटना: बिहार विधानसभा चुनावों के करीब आने के साथ ही प्रदेश में सियासी उठा-पटक तेज हो गई है. लोजपा और भाजपा मणिपुर में इस फॉर्मूले के तहत चुनावी मैदान में उतरेंगी. इसके तहत एनडीए से किनारा करके लोजपा चुनाव लड़ने के बाद भी पार्टी चुनाव के बाद लोजपा के सभी विधायक भाजपा का समर्थन करेंगे.
जानकारी के मुताबिक इस बार बिहार विधानसभा चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी चुनावी मैदान में अकेले अपनी किस्मत आजमाएगी. बीते कई दिनों से सीटों के बंटवारे को लेकर हुई खींचतान के बाद आखिरकार लोजपा ने बिहार में एनडीए से अलग होने की घोषणा कर दी. हालांकि, मणिपुर की तर्ज पर पार्टी केंद्र में एनडीए का दामन नहीं छोड़ेगी. आपको बात दें कि लोजपा और भाजपा मणिपुर में इस फॉर्मूले के तहत चुनाव लड़ चुकी हैं. साल 2017 के मणिपुर विधानसभा चुनाव में लोजपा ने भाजपा से अलग होकर चुनाव लड़ा था. लेकिन बाद में लोजपा सरकार में शामिल हो गई थी. वर्तमान में लोजपा मुख्यमंत्री वीरेंद्र्र सिंह सरकार में शामिल हैं.
चिराग की लोजपा का फैसला- नीतीश कुमार के नेतृत्व में नहीं लड़ेंगे बिहार चुनाव
गौरतलब है कि लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की अध्यक्षता में रविवार को हुई संसदीय बोर्ड की बैठक में मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई. जिसमें चिराग पासवान ने सीट बंटवारे को लेकर भाजपा से हुई बातचीत की जानकारी दी. जिसके बाद पार्टी ने तय किया है कि लोजपा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ेगी. इसके साथ ही पार्टी 'बिहार फर्स्ट-बिहारी फर्स्ट' के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतरेगी.
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