शराब माफियाओं पर ड्रोन से नजर रखेगी नीतीश सरकार, होम डिलीवरी करने वाले जाएंगें जेल

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Tue, 7th Dec 2021, 4:28 PM IST
  • नीतीश सरकार में की गई शराबबंदी के बावजूद भी बिहार के घरों में शराब माफियाओं द्वारा होम डिलीवरी की जा रही है लेकिन अब सूबे के उत्पाद, निबंधन एवं मद्य निषेध विभाग के उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया है कि इन माफियाओं पर लगाम ड्रोन कैमरे की मदद से लगाई जाएगी.
बिहार सरकार शराब माफियाओं पर ड्रोन कैमरे से रखेगी नजर

पटना. बिहार में शराबबंदी के बाद भी लोगों के घरों में होम डिलीवरी करने वाले शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए अब सूबे की निगरानी ड्रोन कैमरे से होगी. इसकी जानकारी राज्य उत्पाद, निबंधन एवं मद्य निषेध विभाग के उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने दी है. उत्पाद आयुक्त धनजी ने बताया है कि ड्रोन से निगरानी कराने की तैयारियों को लेकर टेंडर यानी निविदा जारी कर दी गई है. बहुत जल्दी ही सूबे के सभी जिलों को उनकी मांग के आधार पर ड्रोन उपलब्ध करा दिया जाएगा.

उत्पाद आयुक्त ने बताया कि जंगल, पहाड़ और दियारा वाले इलाकों में ड्रोन के जरिए खास निगरानी रखी जाएगी. साथ ही शहरों में कुछ खास इलाकों की पहचान कर ऑनलाइन सिस्टम के जरिए निगाह रखी जाएगी. आगे उन्होंने कहा कि शराबबंदी के उल्लंघन के आरोप में पकड़े गए लोगों को जल्द से जल्द सजा दिलाने या उनके मामले के निपटारे के लिए 31 विधि परामर्शी की नियुक्ति की गई है.

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मद्य निषेद विभाग के आयुक्त का कहना है कि आपने शराब पी है या नही अगर इसका पता लगाने के लिए पुलिस ब्रेथ-एनालाइजर की मदद से अल्कोहल की जांच करती है तो आप उससे ब्रेथ-एनालाइजर की पाइप बदलने को कह सकते हैं. दरअसल जांच में इस्तेमाल की जाने वाली पाइप यूज एंड थ्रो के सिद्धांत पर काम करती है. उन्होंने कहा कि विभाग में इस पाइप की कोई कमी नहीं है. जरूरत के हिसाब से जिलों को आपूर्ति की जा रही है.

सूबे में शराबबंदी के बाद लगातार हो रही कार्रवाईयों से शराब माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है. ड्रोन से निगरानी करने का फैसला लेने के बाद मद्य निषेध विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने बताया कि उनके मोबाइल पर मैसेज की भरमार से फोन हैंग कर रहा है, इसके आलावा उनका मशहूर मैसेजिंग एप वाट्सअप भी क्रैश कर गया है.

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निगरानी को लेकर उत्पाद आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने बताया कि जिलों में एंटी लीकर टास्क फोर्स को मजबूत किया जा रहा है. कई जिलों में तो 8 से 10 टास्क फोर्स टीम काम कर रही है. हालांकि ये टीमें गोपनीय सूचनाओं के आधार पर त्वरित पहल कर रही है. इन टास्क फोर्स में होमगार्डों की भी सेवा ली जा रही है. उन्होंने कहा है कि सभी जिलो में पहले से काम कर रही उत्पाद विभाग की टीम को संसाधन संपन्न बनाया जा रहा है. बेल्ट्रान से ट्रेंड 70 आईटी ब्वॉयज व 127 डाटा इंट्री ऑपरेटरों की मांग की गई है. आगे आयुक्त धनजी ने बताया कि बीते नंवबर महिने में 1430 लोगों पर केस दर्ज और 781 को गिरफ्तार किया गया है.

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