जातीय जनगणना को लेकर CM नीतीश बोले- अभी PM मोदी की ओर से नहीं मिला कोई जवाब

Ankul Kaushik, Last updated: Mon, 6th Sep 2021, 4:51 PM IST
  • बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार के बाद मीडिया से बात करते हुए जातिगत जनगणना पर बात की. सीएम नीतीश ने पत्रकारों से इस मामले पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं आया है.
जातीय जनगणना पर CM नीतीश ने कहा- पीएम मोदी की तरफ से नहीं आया जवाब, (फाइल फोटो)

पटना. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार में जनता की शिकायतों का निस्तारण करने का आदेश दिया. इसके साथ ही सीएम नीतीश ने जनता दरबार के बाद मीडिया से बात करते हुए जातिगत जनगणना के बारे में बात की. सीएम नीतीश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा देश के विभिन्न राज्यों से ये मांग उठ रही है और इसके बारे में सोचना और निर्णय लेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काम है. प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से इस मामले को लेकर कोई जवाब नहीं आया है जब जवाब आएगा तो हम आप लोगों को बताएंगे. इसलिए अभी हम इस मामले में क्या कह सकते हैं, हालांकि कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं. जातीय जनगणना समाज को बांटने के लिए नहीं बल्कि समाज की एकजुटता के लिए भी जरूरी है क्योंकि जिस तबके का उत्थान अपेक्षित कम हुआ है उनको हम लोग आगे बढ़ाने के लिए काम कर सकेंगे.

बता दें कि कुछ दिन पहले जातिगत जनगणना की मांग को लेकर सीएम नीतीश ने दिल्ली में दस दलों के नेताओं के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. देश में जातिगत जनगणना की मांग को लेकर पीएम मोदी और नीतीश के साथ गए 10 राजनीतिक दलों के प्रतिनिधिमंडल ने करीब 40 मिनट से ज्यादा का समय पीएम मोदी के साथ बिताया था. हाल ही में जातीय जनगणना को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि वह पीएम मोदी को एक रिमाइंडर लेटर भेजेंगे.

तेजस्वी ने कहा लिखेंगे जातीय जनगणना पर PM मोदी को रिमाइंडर लेटर, JDU ने दिया ये जवाब

इसके साथ ही सीएम नीतीश ने जनता दरबार के बाद किसान आंदोलन पर बात करते हुए कहा कि केंद्र सरकार इस पर उचित फैसला लेगी. सीएम नीतीश ने जनता के दरबार में आई शिकायत पर भूमि सुधार विभाग को निर्देश दिया है कि जमीन कि नापी में हो रही गड़बड़ी पर ध्यान दिया जाए. इसके साथ आप की यह जिम्मेदारी भी है कि वह काम को ठीक से कर रहा है कि नहीं इसकी जांच भी होनी चाहिए. सीएम नीतीश के जनता दरबार में अधिकतर मामले जमीन विवाद व पुलिस से संबंधित आए थे.

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