बिहार में लागू नहीं होने देंगे NRC, कोशिश की तो विरोध करेंगे: CM नीतीश कुमार

Smart News Team, Last updated: Sun, 10th Jan 2021, 12:37 AM IST
  • जब पूरे देश में CAA,NRC विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे तब भी नीतीश कुमार ने ऐसी बात कही थी. विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा था, 'CAA का राज्य से कोई लेना देना नहीं है. इस मसले पर जो भी करना है वो संसद को करना है. NPR पर हमने और जानकारी मांगी है.
बिहार में लागू नहीं होने देंगे NRC, कोशिश की तो विरोध करेंगे: CM नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने NRC के मुद्दे पर अपने स्थिती साफ करते हुए एकबार फिर दोहराया कि हम एनआरसी को लेकर आज भी हम अपनी पुरानी स्थिती में हैं और NRC को लागू नहीं होने देंगे. JDU की राज्य परिषद की बैठक में शनिवार को उन्होंने कहा कि हम बिहार में NRC किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने देंगे. अगर इसे लागू करने की कोशिश की गई तो हम खुल कर इसका विरोध करेंगे. नीतीश कुमार की पार्टी JDU केंद्र और राज्य में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल है. BJP के कई नेता NRC को पूरे देश में लागू करने की बात करते रहते हैं.

गौरतलब है कि पहली बार नहीं है, जब नीतीश कुमार ने एनआरसी को बिहार में नहीं लागू करने की बात कही हो. जब पूरे देश में CAA,NRC विरोधी प्रदर्शन हो रहे थे तब भी नीतीश कुमार ने ऐसी बात कही थी. विधानसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा था, 'CAA का राज्य से कोई लेना देना नहीं है. इस मसले पर जो भी करना है वो संसद को करना है. NPR पर हमने और जानकारी मांगी है. रही बात NRC की तो इसे बिहार में लागू करने का कोई सवाल ही नहीं है.

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नीतीश ने कहा हम समाजवादी विचारधारा के लोग हैं

CM नीतीश कुमार ने बैठक में पार्टी के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि हम समाजवादी सोच के लोग हैं. हमारा एकमात्र लक्ष्य लोगों की सेवा करना है. जिन्होंने वोट दिया और जिन्होंने नहीं दिया, सबके लिए एक जैसे ही काम करना है.

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चुनाव में पता नहीं चला- कौन साथ दे रहा और कौन नहीं

सीएम नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में JDU को कम सीटें मिलने पर भी टिप्पणी की, और कहा कि NDA में सबकुछ पांच माह पहले तय होना चाहिए था. लेकिन, कोरोना महामारी के कारण समय कम हो गया. इतना कम समय था कि पता ही नहीं चला कौन साथ दे रहा है, कौन नहीं . चुनाव प्रचार के दौरान शाम में जब पार्टी ऑफिस लौटकर आते थे, तभी इस बात का अंदेशा हो गया था. वर्ष 2019 में पार्टी द्वारा सदस्यता अभियान चला गया. बूथस्तर पर कमेटियां बनी, ट्रेनिंग दी गई. सबको बुला-बुलाकर मैं खुद मिला. लेकिन फरवरी में जब हमने नेताओं की बैठक की तो हमको शक हो गया था. हमने इतना काम किया, पार्टी के कार्यकर्ता जानते थे, लेकिन बात नीचे तक नहीं पहुंचीं.

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