राहत: बिहार में ऑक्सीजन से ही स्वस्थ हो रहे गंभीर कोरोना मरीज, डॉक्टर भी हैरान

Smart News Team, Last updated: Sat, 13th Jun 2020, 10:14 AM IST
  • कोरोना वायरस के जिन मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है उन्हें आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा जा रहा है। वहां वे पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने के बाद काफी राहत महसूस कर रहे हैं और धीरे-धीरे उनकी इम्यूनिटी बढ़ने लगती है और बाद में वे कोरोना की जांच में निगेटिव पाए जाते हैं।
प्रतीकात्मक तस्वीर

पटना, कौशलेन्द्र मिश्र

बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा लगातार हो रहा है, मगर अच्छी बात ये है कि यहां ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है। इस बीच जो सबसे बड़ी बात सामने आई है, वह यह है कि बिहार में कोरोना वायरस के गंभीर मरीज ऑक्सीजन के सहारे स्वस्थ हो रहे हैं। विशेष तौर पर ऐसे कोविड-19 मरीज जो रेस्पिरेटरी सिस्टम की समस्या से जूझ रहे हैं।

दरअसल, कोरोना वायरस के जिन मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है उन्हें आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टरों की गहन निगरानी में रखा जा रहा है। वहां वे पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने के बाद काफी राहत महसूस कर रहे हैं और धीरे-धीरे उनकी इम्यूनिटी बढ़ने लगती है और बाद में वे कोरोना की जांच में निगेटिव पाए जाते हैं। बिहार के पहले कोविड-19 डिडिकेटेड अस्पताल एनएमसीएच में ऐसा रोजाना हो रहा है। शुक्रवार को भी हृदय रोग का एक ऐसा ही संक्रमित स्वस्थ होकर अपने घर लौट गया।

ऑक्सीजन का बेहतर दिख रहा असर

एनएमसीएच के नोडल अधिकारी डॉ. अजय सिन्हा के मुताबिक, बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजो में ऑक्सीजन गैस की मात्रा को बढ़ाकर गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है, जिसके परिणाम से डॉक्टर हैरान हैं। उन्होंने कहा कि गंभीर मरीजों के स्वास्थ्य में फास्ट ऑक्सीजन देने से काफी अंतर आ रहा है। इसको लेकर मुजफ्फरपुर, भागलपुर स्थित मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टरों से भी मिला फीडबैक संतोषप्रद है।

पहले से 2-3 लीटर ऑक्सीजन गैस दी जाती थी

कोविड-19 अस्पतालों से मिली जानकारी के मुताबिक, पहले सामान्यतया 2 से 3 लीटर ऑक्सीजन गैस मरीज को दी जा रही थी, लेकिन इसे बढ़ाकर 20 से 25 लीटर ऑक्सीजन गैस एक मरीज को दी जा रही है, ताकि भरपूर ऑक्सीजन मिलने से मरीज को आराम मिल सके। एसपीओ-2 की पर्याप्त आपूर्ति अस्पताल में की जा रही है। डॉक्टरों के अनुसार ऑक्सीजन का सैचुरेशन 95 फीसदी को मेनटेन करने का निर्देश दिया गया है, ताकि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं हो।

अब तक 250 ठीक हो चुके हैं

एनएमसीएच, पटना में अब तक 298 कोरोना संक्रमितों का इलाज किया गया, जिनमें से अब तक 250 ठीक होकर घर जा चुके है। डॉ. अजय सिन्हा ने बताया कि आठ मरीजों की यहां मौत हुई है, जो कि कैंसर सहित अन्य अति गभीर बीमारियों से ग्रसित थे।

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