साइबर अपराधी अब पहले बैंक अकाउंट से गायब करते हैं पैसा, बाद में पूछते OTP
- साइबर अपराधियों की धोखाधड़ी करने की नई तकनीक हैरान कर देने वाली है. साइबर फ्रॉड के लिए बदमाश अब पहले बैंक खाते से पैसे गायब करते हैं. फिर उन्हें बचाने की सलाह देते हुए खाताधारक से ओटीपी पूछ लेते हैं. पैसा पहले कैसे गायब कर रहे हैं ये यहां जान सकते हैं.

पटना. बैंकों में जमा लोगों की मेहनत की कमाई पर साइबर अपराधियों की नजर है. जब तक लोग साइबर अपराधी के झांसे को समझते हैं तब तक अपराधी नए तरीके इजाद कर लेते हैं. ताजा मामला बैंक खातों से राशि डायवर्ट करने के बाद ओटीपी पूछकर पैसा गायब करने का सामने आया है. ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए आर्थिक अपराध इकाई यानि ईओयू ने आम लोगों के लिए एडवायजरी जारी की है.
एडीजी ईओयू एनएच खान के मुताबिक, ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें कुछ लोगों के अकाउंट से बिना ओटीपी बताए ही रकम गायब कर दिए गए. साइबर अपराधी पहले लोगों के नेट बैंकिंग का यूजर आईडी और पासवर्ड हैक कर लेते हैं. उसके बाद नेट बैंकिंग के जरिए हैक किए गए यूजर आईडी और पासवर्ड की मदद से अकाउंट में जमा रकम को फिक्स डिपॉजिट में बदल देते हैं. अकाउंट में रकम कम रहने के चलते ओटीपी का एसएमएस अकाउंट होल्डर को नहीं जाता.
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जानकार बताते हैं कि साइबर अपराधी फिक्स डिपॉजिट की रकम को अपने अकाउंट में भेजने की कार्रवाई करते हैं तो खाताधारक को मैसेज के जरिए ओटीपी आता है. साइबर अपराधी फोन कॉल के जरिए खाताधारक को कहता है कि आपके अकाउंट से रूपया निकल गया है, यदि उसे वापस चाहते हैं तो भेजे गए ओटीपी को साझा करें. इसके बाद जैसे ही खाताधारक ओटीपी बताने की भूल करते हैं वैसे ही पूरा पैसा साइबर अपराधी अपने अकाउंट में ट्रांसफर कर लेता है.
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