हर जिले में बनेगा ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक ,वाहनों में लगेगा इमरजेंसी बटन

Smart News Team, Last updated: Tue, 1st Mar 2022, 3:41 PM IST
  • परिवहन विभाग 20 लाख रुपये के अनुदान से हर जिले में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की स्थापना करेगा. इसके अलावा औरंगाबाद को छोड़ बचे हुए सभी जिलों में दो-दो मोटर वाहन प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे. महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए वाहनों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी बटन लगाना होगा.
हर जिले में बनेगा ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक ,वाहनों में लगेगा इमरजेंसी बटन

पटना. इस साल परिवहन विभाग को दिए जाने वाले बजट में 22 करोड़ रुपए की कटौती हुई है. जिसके बाद परिवहन विभाग ने अपनी पुरानी योजनाओं पर फोकस कर उन्हें गति देकर पूरा करने का फैसला लिया है. इसी के अंतर्गत लाइसेंस जारी करने की व्यवस्था में पारदर्शिता लाने को लेकर हर जिले में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की स्थापना की जाएगी. टेस्टिंग ट्रैक को 15 जिलों में प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी दे दी गई है. इसके अलावा 20 लाख रुपये के अनुदान से औरंगाबाद को छोड़ बचे हुए सभी जिलों में दो-दो मोटर वाहन प्रशिक्षण संस्थान भी खोले जाएंगे .

योजनाओं में और गति लाने के लिए 51 संस्थानों का निर्माण शुरू हो गया है. अरवल और गया जिलों में निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इसके अलावा सिमुलेटर आधारित प्रशिक्षण भी ड्राइविंग स्कूलों में अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए प्रशिक्षण केंद्रों को दो लाख की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है. दूसरी तरफ राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में 454 बस स्टाप का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है. अगले चरण के लिए 296 स्थलों का चयन बस स्टाप के लिए कर लिया गया है.

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यात्रा करते वक्त महिलाओं की सुरक्षा को देखते हुए विभाग ने गाड़‍ियों में लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और इमरजेंसी बटन लगाना अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा महिलाओं को कामर्शियल वाहनों की खरीद के साथ लाइसेंस में भी शत-प्रतिशत छूट दी जाएगी. दिव्यांगों के वाहनों को टैक्स भी टैक्स से छूट दी गई है. वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देते हुए इनके टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट दी गई है. जिन प्रखंडों में वाहन प्रदूषण जांच केंद्र नहीं है, वहां स्थापना के लिए भी अनुदान मिल रहा है.

जानकारी के लिए बता दे कि पटना नगर निगम क्षेत्र के साथ दानापुर, खगौल व फुलवारीशरीफ इलाकों में 31 मार्च 2022 से डीजल से चलने वाली आटो का परिचालन बंद हो जाएगा. ऐसे में आटो चालकों के लिए अनुदान का प्रावधान किया गया है. पटना में चलने वाले डीजल चालित बसों की जगह अब नए सीएनजी बसों के लिए 3.75 करोड़ की राशी दी गई है.

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