पाटलिपुत्र बिल्डर्स के एमडी पर दो साल में 6 से ज्यादा अपराधिक मामले दर्ज, ED ने किया गिरफ्तार

Shubham Bajpai, Last updated: Thu, 9th Sep 2021, 7:52 AM IST
  • पाटलिपुत्र बिल्डर्स के एमडी अनिल कुमार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार कर लिया है. अनिल के ऊपर फ्लैट और जमीन के नाम पर ग्राहकों से करोड़ों रुपये का घोटला करने का आरोप है. गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश होने के बाद अनिल को फुलवारी जेल भेज दिया गया.
पाटलिपुत्र बिल्डर्स के एमडी को ED ने किया गिरफ्तार

पटना. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजधानी से पाटलिपुत्र बिल्डर्स के निदेशक अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी के बाद आरोपी को पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया. जहां विशेष न्यायाधीश सुनील दत्त मिश्रा ने उसे न्यायिक हिरासत में फुलवारी जेल भेज दिया. आरोपी के ऊपर फ्लैट व जमीन के नाम पर ग्राहकों से करोड़ों रुपये लेने का आरोप है. जिसकी जांच ईडी कर रही थी. इससे पहले आरोपी निदेशक को कई बार इस मामले को लेकर समन जारी किया गया, लेकिन वो उपस्थिति नहीं हुआ. जिसके बाद आरोपी साक्ष्य न मिटा दे इसको देखते हुए ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

समन जारी होने के बाद भी नहीं हुए जांच में शामिल

करोड़ों की हेराफेरी मामले की जांच कर रही ईडी ने अनिल व उनकी कंपनी को पूछताछ के लिए समन जारी किया था, लेकिन अनिल न ईडी के सामने उपस्थित हुए और न ही इस मामले में ईडी का कोई सहयोग किया. जिसके बाद ईडी ने इनकी गिरफ्तारी को इसी को आधार बनाकर कर ली. जिसमें कहा गया कि आरोपी साक्ष्य को नष्ट कर सकता है और वह कानून का सम्मान भी नहीं कर रहा है.

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ईओयू ने ईडी को सौंपी थी आरोपी निदेशक के खिलाफ जांच

आरोपी निदेशक के खिलाफ चल रहे करोड़ों रुपये हेराफेरी करने के मामले में आर्थिक अपराध ईकाई (ईओयू) ने पाटलिपुत्र बिल्डर्स मामले की जांच ईडी को सौंप दी. जिसके बाद जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी निदेशक के खिलाफ पटना के विभिन्न थानों में 10 से अधिक मामले पहले से दर्ज हैं. वहीं. ईडी को ये भी जानकारी हुई कि 2014 से 2016 के बीच निदेशक पर पैसे हड़परने के 6 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं.

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10 करोड़ का किया घोटाला

ईडी की जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी निदेशक ने करीबी 10 करोड़ का घोटाला किया है. वहीं, ईडी द्वारा पूछताछ में आरोपी निदेशक किसी तरह का कोई सहयोग नहीं कर रहा है. वहीं, संपत्ति, नकद पैसा, बैंक खाते, इनकम टैक्स रिटर्न समेत अन्य संपत्ति को लेकर उससे बात की गई तो उसने न कोई जवाब दिया और न ही इसके कोई दस्तावेज पेश किए.

 

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