पटना में रिटायरमेंट के बाद भी दारोगा से नहीं लिया गया मालखाने का चार्ज
- 2013 में रिटायर हुए दारोगा पिछले 8 सालों से मालखाने का चार्ज देने के लिए सहरसा से पटना का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक वो किसी दूसरे को जिम्मेदारी नहीं दे पाए.

पटना: कोतवाली थाने के मालखाने का चार्ज किसी और को ना दे पाना एक रिटायर्ड दारोगा के लिए मुसीबत बन गया है. 2013 में रिटायर हुए दारोगा पिछले 8 सालों से मालखाने का चार्ज देने के लिए सहरसा से पटना का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक वो किसी दूसरे को जिम्मेदारी नहीं दे पाए.
दरअसल दारोगा एस एन पी सिंह के साल 2013 में रिटायर होने के वक्त उनके पास कोतवाली में मालखाने का चार्ज था. साल 2018 में तत्कालीन आईजी के निर्देश पर कोतवाली में तैनात एक पुलिस पदाधिकारी को मालखाने का चार्ज दिया गया.
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उस वक्त 1225 सामानों की गिनती और मिलान का काम शुरू हुआ, जिसमें से जनवरी 2020 तक 1220 सामानों का मिलान हो गया. 5 केस बचे थे कि इसी दौरान उस अफसर का तबादला हो गया. अब एस एन पी सिंह बचे हुए 5 केस को लेकर एक साल से कोतवाली के चक्कर काट रहे हैं.
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पुलिस अफसरों के मुताबिक ये काम जितना आसान दिखता है उतना है नहीं. दो साल पहले मालखाने के लिए एक अफसर को नामित किया गया, लेकिन मालखाना प्रभारी का तबादला होने पर चार्ज देने के वक्त एक-एक सामान का मिलान करना होता है. इतना ही नहीं हर एक सामान की तिथि, क्रमांक, जब्ती सामान का नाम और कांड संख्या, स्टेशन एंट्री समेत कई जानकारियां लिखनी होती है.
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