कन्हैया कुमार ने CPI को दो महीना पहले ही कह दिया था- दूसरा 'कमरा' देख लिए हैं

Smart News Team, Last updated: Tue, 28th Sep 2021, 12:23 AM IST
  • जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के 28 सितंबर को जिग्नेश मेवाणी के साथ कांग्रेस में शामिल होने की मजबूत चर्चा है लेकिन उन्होंने अपनी मौजूदा पार्टी सीपीआई के बिहार राज्य सचिव राम नरेश पांडेय को दो महीना पहले ही कह दिया था कि उन्होंने दूसरा 'कमरा' देख लिया है. समय के साथ ये दूसरा 'कमरा' कांग्रेस की शक्ल में सामने आता दिख रहा है.
कन्हैया कुमार (फाइल फोटो- कन्हैया कुमार ट्वीटर)

पटना. जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के भगत सिंह जयंती पर 28 सितंबर को राहुल गांधी की मौजूदगी में जिग्नेश मेवाणी के साथ कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा के बीच यह पता चला है कि कन्हैया ने दो महीना पहले ही पार्टी से कह दिया था कि उन्होंने दूसरा 'कमरा' देख लिया है. सीपीआई के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कन्हैया ने दो महीने पहले सीपीआई के बिहार राज्य सचिव राम नरेश पांडेय से कहा था कि उन्होंने दूसरा कमरा देख लिया है. अब वो दूसरा 'कमरा' एक दूसरी पार्टी कांग्रेस के तौर पर सामने आ रही है.

जेएनयू के बाद कम्युनिस्ट पार्टी में सक्रिय कन्हैया ने पार्टी के बिहार दफ्तर अजय भवन के एक कमरे में एसी लगवाया था जिसमें बतौर राज्य सचिव कन्हैया के लोग रुका करते थे. पांडेय के मुताबिक कन्हैया जब आते थे तो उनके लिए पार्टी दफ्तर का गेस्ट रूम खुलवा दिया जाता था क्योंकि वो पार्टी के राष्ट्रीय नेता हैं. दो महीने पहले कन्हैया ने पांडेय से कहा कि उन्होंने पटना में एक दूसरा कमरा देख लिया है जिसमें लगाने के लिए वो पार्टी ऑफिस में लगवाया एसी खोलकर ले जाना चाहते हैं. इस पर पांडेय ने कन्हैया को एसी ले जाने की इजाजत देते हुए कहा था कि आपने ही लगाया है, आपका सामान है, आप ले जाते हैं तो इसमें क्या हर्ज है. और कन्हैया ने खुद की लगवाई एसी पार्टी दफ्तर से खुलवा ली.

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संयोग देखिए कि सीपीआई के सीनियर नेताओं से कन्हैया की नाराजगी और कांग्रेस जाने की अटकलों को भी लगभग दो महीना होने चला है. हालांकि एसी ले जाने वक्त कन्हैया ने पार्टी राज्य सचिव से कहा था कि वो कमरा रखेंगे और बीच-बीच में आते रहेंगे. लेकिन अब लगने लगा है कि कन्हैया ने पार्टी से दूर जाने का फैसला कम से कम दो महीना पहले कर लिया था और तब से पार्टी से भावुक और भौतिक दोनों तरह के रिश्तों को समेटने की प्रक्रिया में जुट गए थे.

सीपीआई के राष्ट्रीय महासचिव डी राजा ने कन्हैया से कांग्रेस में जाने की अटकलों का खंडन करने के लिए कहा था लेकिन कन्हैया ने मीडिया से ना तो ऐसा कुछ कहा और ना ही अब सीनियर नेताओं का फोन उठा रहे हैं. पार्टी नेताओं में कन्हैया के रहते असहजता थी और अब जाने की खबरों से भी बेचैनी है. 

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कन्हैया की राजनीति और पार्टी के अंदर काम करने के तौर-तरीके पुराने नेताओं को रास नहीं आ रहा था तो कन्हैया को पुरानी स्टाइल की राजनीति समझ नहीं आ रही थी. दूरियां बढ़ रही थीं लेकिन वो पार्टी से अब इतनी दूर जा चुके दिख रहे हैं कि नेताओं के संपर्क से बाहर हो चुके हैं. सूत्रों का कहना है कि कन्हैया को बिहार के पार्टी नेताओं ने रोकने की कोशिश की लेकिन उन्होंने खुद को पार्टी का बिहार राज्य सचिव और चुनाव समिति का प्रमुख बनाने की शर्त रख दी जो कम से कम वामपंथियों की पार्टी में होने वाली बात ही नहीं है.

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