बाप-बेटी ने बनाया कोरोना मरीजों के लिए मेडी रोबोट, खाना-पानी देने में करेगा मदद

Smart News Team, Last updated: Thu, 20th May 2021, 3:08 PM IST
पटना में एक बाप-बेटी की जोड़ी ने कोरोना मरीजों के लिए मेरी रोबोट का निर्माण किया है. यह रोबोट मरीजों के पास खाना पानी और दवा ले जाएगा. इसके साथ ही मरीजों का बेसिक स्वास्थ्य परीक्षण भी कर सकेगा. रोबोट को बनाने में दोनों को 3 महीने और करीब एक लाख का खर्चा आया.
मेडी रोबोट के साथ पिता और पुत्र की जोड़ी.

पटना. राजधानी की एक छात्रा ने अपने पिता के साथ मिलकर मेडी रोबो बनाया है.यह पहले से बने रोबोट से उन्नत किस्म का है. वर्तमान में विदेश में बने रोबोट की तुलना में यह कोरोना मरीजों का इलाज करने में ज्यादा सक्षम है। जानकारी के अनुसार बीआईटी इंजीनियरिंग की छात्रा आकांक्षा ने अपने इनोवेटर पिता योगेश कुमार की मदद से स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना से बचाने के लिए एक अनोखा मेडी रोबोट बनाया है. इसके पहले भी बाप-बेटी की इस जोड़ी ने कोरोना से बचाव के लिए अपने घर को कोरोना सुरक्षित घर बनाने के लिए कई अनोखे इनोवेटिव उपकरण बनाए हैं.

योगेश कुमार ने बताया कि कोरोना काल में देश विदेश में बने रोबोट के बेसिक कार्य ट्रांसपोर्टेशन, सर्विलांस, कम्युनिकेशन और सेनेटाइजेशन का कार्य तो यह मेडी रोबो करता ही है. इसके अलावा यह किसी भी मरीज, लाचार व्यक्ति का बेसिक मेडिकल एग्ज़ामिनेशन प्रामाणिकता के साथ दूर से और रियल टाइम डाटा के साथ करता है. उन्होंने बताया कि अधिकतम डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी कोरोना संक्रमित मरीज के इलाज के दौरान संक्रमित हुए हैं. जब हमें बचाने वाले ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो हम कैसे सुरक्षित रहेंगे? देश में हर दिन स्वास्थ्य कर्मियों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मैंने अपनी बेटी आकांक्षा के साथ विचार-विमर्श कर एक ऐसे रोबोट बनाने की निर्णय लिया जो बिना डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी के संक्रमित व्यक्ति के पास गए ही उनको दवा, खाना, पानी इत्यादि पहुंचा सके. साथ ही उनका बेसिक स्वास्थ्य परीक्षण कर सके. आपको बता दें कि बेसिक रोबोट का प्रोटोटाइप इन्होंने पहले लॉकडाउन में ही बना लिया था. लेकिन इस मेडी रोबो को तकनीकी रूप से उपयोगी बनाने में दोनों को काफी समय लगा. दोनों ने घर में ही माइक्रो कंट्रोलर और कोडिंग की सहायता से यह आधुनिक मल्टी परपस रोबोट बनाया है. इस रोबोट को बनाने में 3 महीने और करीब एक लाख का खर्च आया है.

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जानकारी के मुताबिक इस रोबोट में हाई रेज्यूलेशन नाईट विजन कैमरा लगा है जो 360 डिग्री घूम कर सर्विलांस का काम करता है. साथ ही यह कैमरा डॉक्टर और मरीज के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा संवाद भी स्थापित करने में उपयोगी है. यह रोबोट कम और संकरी जगह पर भी आसानी से काम करता है. इसमें इमरजेंसी में उपयोग के लिए ऑक्सीजन, प्राण रक्षक दवा और नेब्यूलाइज़र की भी व्यवस्था है. इसके अलावा केमिकल और यूवी लाइट द्वारा यह सेनेटाइजेशन का काम भी करता है. बताते चलें कि यह रोबोट व्यक्ति का वजन, तापमान, रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा, हृदय गति, ब्लड प्रेशर, रक्त में ग्लूकोज की मात्रा इत्यादि की जांच करता है. यह ईसीजी और वायरलेस स्टेथेस्कोप से भी लैस है. यह रोबोट इन महत्वपूर्ण जांच रिपोर्ट को दूर बैठे डॉक्टर के पास पहुंचाने में भी सक्षम है.

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रोबोट की परिकल्पना से लेकर मूर्त रूप तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग के फाइनल ईयर की स्टूडेंट आकांक्षा ने बताया कि कैबिनेट मंत्री, रवि शंकर प्रसाद, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) पटना की डॉक्टर अपूर्वा और हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रशान्त जैसे कई डॉक्टरों ने इसके लिए कई सुझाव भी दिए और इसकी सराहना की. आकांक्षा ने यह भी बताया कि उन्होंने इस रोबोट को केंद्र और राज्य सरकार के संबंधित मंत्रालय और विभाग को भी भेजा है. देश-विदेश में इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सके इसके लिए उन्होंने मेकाट्रॉनिका इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी भी बनाई है. इसके साथ ही मानव संसाधन मंत्रालय के अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के छात्र विश्वकर्मा अवार्ड के फाइनल राउण्ड के लिए रोबोट का चयन हो चुका है. हालांकि अभी अवार्ड की घोषणा नहीं हुई है.

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