ग्राम प्रधान और अन्य प्रतिनिधि भुगतान के लिए नहीं काट पाएंगे अब चेक, प्रक्रिया हुई ऑनलाइन
- वित्त आयोग ने ग्राम पंचायतों के भुगतान प्रक्रिया को अप्रैल 2021 से ऑनलाइन अनिवार्य कर दिया है. जिसको लेकर पंचायती राज विभाग ने भी तैयारियां शुरू कर दी है. वही वित्त आयोग ने इसे तीनों पंचायतों में लागु कर रही है.
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पटना. ग्राम प्रधान व पंचायती राज के अन्य प्रतिनिधि अब योजनाओं के भुगतान के लिए चेक नहीं काट पाएंगे, क्योकि सरकार ने ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधि द्वारा योजनाओं के भुगतान को ऑनलाइन कर दिया है. वही इसे वित्तीय वर्ष 2021-22 से यानी अप्रैल से लागू कर दिया जाएगा. वही इसको लेकर पंचायती राज विभाग ने भी अपनी तरफ से तैयारियां शुरू कर दी है. इतना ही नहीं इस पर अमल करने के लिए सम्बंधित पदाधिकारियों और ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों से ऑनलाइन भुगतान के लिए डिजिटल हस्ताक्षर भी लेना शुरू कर दिया गया है.
जानकारी के अनुसार यह व्यवस्था तीनों पंचायतों में लागू होंगी यानी जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायत. आपको बता दे कि पंचायतों को 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा से मिलने वाली राशि तीनों पंचायतों में वितरित की जाती है. जिसमे सबसे अधिक 70 प्रतिशत ग्राम पंचायत को, 20 प्रतिशत पपंचायत समिति को और सबसे कम 10 प्रतिशत जिला परिषद को मिलता है. वही जब इन्हें कोई योजना के तहत अपने क्षेत्र में कार्य करना होता है तो यह उसका भुगतान चेक के द्वारा करते थे. जिसे अब ऑनलाइन कर दिया गया है. जिससे राशि सीधे सम्बंधित व्यक्ति या एजेंसी के खाते में आसानी से चली जाएगी.
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वही सरकार के पोर्टल ई ग्राम स्वराज पर इसके एक एक पैसे का हिसाब देखा जा सकेगा. जिससे सरकार आसानी से रक क्लिक में यह देख सकेगी की किस योजना में किस दिन किसे कितनी राशि दी गई है. वही राशि का भुगतान पब्लिक फण्ड मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर के माध्यम में सम्भव किया जा सकेगा. जिसमें पदाधिकारियों के हस्ताक्षर रजिस्टर किया जाएगा. साथ ही सभी पंचायतों का खाता लिंक किया जाएगा. साथ ही प्रतिनिधि को एक पासवर्ड दिया जाएगा जिसे डालने के बाद राशि का भुगतान उक्त व्यक्ति या एजेंसी के खाते में हो जाएगा.
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