बिहार में पहली बार भ्रूण तकनीक से गाय की बाछी का जन्म

Smart News Team, Last updated: Mon, 2nd Aug 2021, 4:41 PM IST
  • बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में पहली बार भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से गाय की बाछी का जन्म हुआ है. बाछी साहिवाल नस्ल की है और पूरी तरह से स्वस्थ है. इस तकनीक के माध्यम से एक गाय से एक साथ कई बाछा-बाछी को प्राप्त किया जा सकता है.
पहली बार भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से गाय की बाछी का जन्म (फाइल फोटो)

पटना. बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के ईटीटी एवं आईवीएफ प्रयोगशाला में पहली बार भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक से गाय की बाछी का जन्म हुआ है. प्रयोगशाला में कार्यरत वैज्ञानिकों के प्रयास से गाय ने साहिवाल नस्ल की स्वस्थ बाछी को जन्म दिया है. इस परियोजना से जुड़े वैज्ञानिक डॉ. दुष्यंत, डॉ. शैलेन्द्र कुमार शीतल, डॉ. प्रमोद एवं डॉ. आजाद ने अहम भूमिका निभाई है. वैज्ञानिकों के मुताबिक इस तकनीक के माध्यम से एक गाय से एक साथ कई बाछा एवं बाछी को प्राप्त किया जा सकता है. यह तकनीक गाय और भैंसों की नस्ल सुधार में मील का पत्थर साबित होगी.

इस परियोजना के मुख्य अन्वेषक डॉ. रविंद्र कुमार ने बताया कि भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक के जरिए उच्च गुणवत्ता और ज्यादा दूध देने वाली गाय से एक साथ कई भ्रूण पैदा किए जाते है. जिसके बाद इन भ्रूणों को 7-8 दिन बाद कम दूध देने वाली गायों में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है. इससे पैदा होने वाली बाछी अधिक उत्पादकता वाली होती है. इस सफलता के लिए परियोजना के सह-अन्वेषक डॉ. जे.के प्रसाद ने वैज्ञानिकों की पूरी टीम को बधाई दी. साथ ही यूनिवर्सिटी के कुलपति को भी उनके मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद कहा.

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यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने बताया कि प्रयोगशाला का अगला लक्ष्य आईवीएफ के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में उच्च गुणवत्ता वाली बाछी का जन्म कराना है. जिससे बिहार में कम समय में उच्च गुणवत्ता वाली गायों की संख्या में बढ़त होने के साथ ही दूध उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा. गौरतलब है कि 2019 में भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत बिहार पशु विज्ञान यूनिवर्सिटी में भ्रूण प्रत्यारोपण सह आईवीएफ प्रयोगशाला की स्थापना की गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से 10 सितंबर 2020 को इसका उद्घाटन किया था.

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