जितनी जाति उतनी भागीदारी के लिए जाति जनगणना जरूरी- जीतन राम मांझी

Ankul Kaushik, Last updated: Sat, 25th Sep 2021, 2:57 PM IST
  • बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने केंद्र के जाति जनगणना न करने के फैसले पर बयान दिया है. हम प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा है कि जितनी जाति उतनी भागीदारी के लिए जाति जनगणना जरूरी है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (फाइल फोटो)

पटना. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा है कि जितनी जाति उतनी भागीदारी के लिए जाति जनगणना जरूरी है. हम प्रमुख ने यह बयान केंद्र द्वारा जाति जनगणना न करने पर दिया है. हम प्रमुख मांझी ने केंद्र द्वारा जाति जनगणना न करने पर कहा कि जितनी जाति उतनी भागीदारी बेहद जरुरी है और इन सभी को हक दिलाने के लिए जाति जनगणना जरुरी है. इसके साथ ही उन्होंने जाति गणना के नाम पर राजनीति कर रहे लोगों से भी सावधान रहने के लिए कहा. जीतन राम मांझी ने कहा कि तेजस्वी राजनीति न करें इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही पहल करेंगे. बता दें कि केंद्र द्वारा जातिगत जनगणना न करने के फैसले पर बिहार में विपक्ष ही नहीं एनडीए में बीजेपी की सहयोगी पार्टी हम व जदयू भी विरोध कर रहे हैं.

बता दें कि केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका के हलफनामे में बताया गया था कि पिछड़े वर्गों की जाति जनगणना नहीं हो सकती है. इसके साथ ही केंद्र ने कहा कि यह प्रशासन के लिए एक लंबा और कठिन काम है. इसलिए साल 2021 की जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल नहीं किया जा सकता है. वहीं केंद्र के इस फैसले पर विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेर रहे हैं.

जातिगत जनगणना के मसले पर बिहार में सियासत तेज, केंद्र के रवैये के विरोध में विपक्ष से लेकर एनडीए गठबंधन के भी दल

बिहार के सभी राजनीतिक जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर एक है. वही 23 अगस्त को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की था. इस मुलाकात में इन नेताओं ने साल 2021 की जनगणना जातिगत कराने की मांग की थी. हालांकि अब केंद्र सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अलावा अन्य जातिवार के आधार पर जनगणना कराने का इनकार कर दिया है.

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