जीतनराम मांझी बोले- मंदिर ना जाएं दलित, पिछड़े, हम राक्षस खानदान से हैं, सवर्ण विदेशी हैं

Prachi Tandon, Last updated: Thu, 23rd Sep 2021, 7:10 PM IST
  • पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इस बार दलितों और पिछड़ों से कहा है कि वह मंदिर ना जाएं. जीतन ने इसी के साथ कहा कि हम राक्षस के खानदान से हैं. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मांझी ने कहा कि सवर्ण विदेशी हैं.
पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा दलित और पिछड़े मंदिर ना जाएं.

पटना. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जिसको लेकर राजनीतिक उथल-पुथल मचनी शुरू हो गई है. जीतन राम मांझी ने एक इंटरव्यू के दौरान बोला है कि दलित और पिछड़े वर्ग के लोग मंदिर ना जाएं, मंदिरों को ठुकराएं. मंदिर दूसरों का बनवाया हुआ है. इसी के साथ मांझी ने कहा हम राक्षस के खानदान हैं और जो सवर्ण विदेशी हैं. मांझी ने भाजपा विधायक हरिभूषण के बयान पर जवाब देते हुए कहा कि हम राक्षस के खानदान के हैं. इसी के साथ उन्होनें कहा कि उस समय जो सच्चा काम करने वाला था उसे राक्षस कहते थे. मांझी बोले कि उनके नाम में जीतन राम मांझी की जगह जीतन राक्षस मांझी लिखवा दो.

कर्नाटक के एक मंदिर में दलित बच्चे के जाने पर उसपर 23 हजार का जुर्माना लगा दिया जाता है. इस पर जीतन राम मांझी बोले कि यही हिंदू धर्म है जो आप लोगों का है तो हम क्यों इसे मानेंगे. राम मंदिर को लेकर आज जब राम मंदिर बन रहा है तो शेड्यूल कास्ट को जाने नहीं देंगे और उनसे जुर्माना लेंगे. इसी के साथ मांझी बोले कि वह फिर आपका मंदिर है, आपका स्थान है. हम दलित और पिछड़ों के लिए कहां है. जीतन राम मांझी ने इसी के साथ कहा कि जीतन राम मांझी ने इसी के साथ कहा कि इस तरह का वर्चस्व बनाया गया जो यहां का रहने वाला था उसे आदिवासी, हरिजन और राक्षस कह दिया. मांझी बोले जो बाहर से आकर रह रहे थे उन्हें पुरोहित बन गए हैं. 

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जीतन राम मांझी ने इसी के साथ कि हम मूल लोगों को शुरू से सता रहे हैं और प्रताड़ित कर रहे हैं. कर्नाटक मंदिर में दलित बच्चे के जाने पर मांझी बोले कि जब वह सीएम थे तब मंदिर गए तो उसके बाद वहां धुलाई कराई गई. वहीं जब जगजीवन राम डिप्टी सीएम थे तो वह वाराणसी के मंदिर गए तो उसके बाद वहां भी सफाई कराई गई. इसी के साथ मांझी बोले कि कहां आप हमें अपना आदमी समझ रहे हैं. मांझी ने कहा कि इसलिए तो हम कह रहे हैं जो हमारे लोग हैं जो आपस में मिले नहीं हैं, इसका संघर्ष सही से नहीं किए हैं, उन्हें संघर्ष करने की जरुरत है. 

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राष्ट्रपति और उनके परिवार के मंदिर जाने और वहां धक्का-मुक्की पर जीतन राम मांझी ने कहा कि यह एक मानसिकता है. हम दलितों से इसपर आह्वन करते हैं कि मंदिरों में नहीं जाओ, मंदिरों को ठुकराओ इसलिए क्योंकि मंदिर तुम्हारा बनवाया नहीं है दूसरों का बनवाया है. मांझी ने इसी के साथ कहा वहां जिसकी पूजा होती है वह भी दूसरों के है. मांझी ने कहा कि भगवान बनाकर ढोंग रचा गया है यह नहीं होना चाहिए. 

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