गंगा में मूर्ति विसर्जन करने वालों की तलाश, दर्ज होगी FIR, मजिस्ट्रेट की तैनाती पर उठे सवाल

Prachi Tandon, Last updated: Sun, 17th Oct 2021, 12:03 PM IST
  • पटना में गंगा प्रदूषित करने वालों की प्रशासन तलाश कर रहा है. नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 
गंगा में मूर्ति विसर्जन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी.

पटना. बिहार में गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए सरकार समेत प्रशासन ने भी सख्ती की थी लेकिन दशहरा के मौके पर कई मूर्ति विसर्जित की गईं. प्रशासन ने घाटों पर मजिस्ट्रेट तैनात किए थे लेकिन वह सिर्फ कागजों पर ही रह गए. शासन और प्रशासन की तरफ से मूर्ति विसर्जन को लेकर सख्ती बरती गई कि गंगा में मूर्ति और पूजा सामग्रियों का विसर्जन ना हो पाए लेकिन हर कोशिश नाकाम हो गई. गंगा को प्रदूषण से ना बचा पाने का कारण जिम्मेदारों की लापरवाही है. अब प्रशासन गंगा को गंदा करने वालों की तलाश कर रहा है. ऐसे लोगों पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश हैं जिन्होनें गंगा में मूर्ति या अन्य सामग्री विसर्जित की है.

प्रशासन की तरफ से गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए कृत्रिम तालाब बनाए गए थे. तालाबों में पानी डाला गया जिससे श्रद्धालु मूर्तियों का यहां विसर्जन कर सकें. इसी के साथ गंगा घाटों पर पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी. इतने प्रयास के बाद भी दीघा घाट, जनार्दन घाट और पटना सिटी के घाटों पर सबसे ज्यादा मूर्ति विसर्जन किया गया. नियमों का उल्लंघन लापरवाही का नतीजा है. बताया गया कि कई घाटों पर तो मजिस्ट्रेट देखने तक नहीं आए कि विसर्जन हो रहा है या किस तरह से हो रहा है. गंगा प्रदूषण ना रोक पाने के बाद प्रशासन का कहना है कि मूर्ति विसर्जन करने वालों की तरफ से जानबूझकर नियमों का उल्लंघन किया गया है. 

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पटना डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को आदेश दिया है कि जिन लोगों ने नदी में विसर्जन किया उनकी पहचान की जाए औऱ उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए. इसी के साथ कड़ी कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है. जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण अब प्रशासन के सामने एक अन्य चुनौती खड़ी है कि वह नियमों का उल्लंघन करने वालों की पहचान कैसे करें. मजिस्ट्रेटों के अपनी ड्यूटी से नदारद होने और घाटों पर कैमरे नहीं होने के कारण जिन्होनें मूर्ति विसर्जन किया उनकी पहचान कर पाना बहुत मुश्किल है. 

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