बिहार के 9 सहकारी बैंकों का प्रबंधन जा सकता सरकार के हाथ, RBI ने मांगी रिपोर्ट
- बिहार के नौ सहकारी बैंकों (को-ऑपरेटिव बैंक) पर अवक्रमण (सुपरसीड) की तलवार लटकने लगी है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इन बैंकों की वित्तिय स्थिति की समीक्षा कर सहकारिता विभाग से रिपोर्ट मांगी है. उम्मीद के मुताबिक सुधार नहीं हुआ तो सरकार के हाथ इन में इन सहकारी बैंकों का प्रबंधन जा सकता है.

पटना. बिहार के नौ सहकारी बैंकों (को-ऑपरेटिव बैंक) पर अवक्रमण (सुपरसीड) हो सकते हैं. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इन बैंकों की वित्तिय स्थिति की समीक्षा कर सहकारिता विभाग से रिपोर्ट मांगी है. सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने बैंकों की स्थिति की समीक्षा करने का निर्देश दिया है.
स्थिति में उम्मीद के मुताबिक सुधार नहीं हुआ तो इन बैंकों को सुपरसीड किया जा सकता है. इस तरह से सरकार के हाथ में इन नौ सहकारी बैंकों का प्रबंधन जा सकता है. बिहार सरकार एक बार पहले इन नौ केन्द्रीय जिला सहकारी बैंको की रिपोर्ट भेजकर सुपरसीड करने की सिफारिश कर चुकी है.
जिन सहकारी बैंकों की स्थिति खराब है, उनमें पटना, कटिहार, पूर्णिया, मुंगेर, मधुबनी, औरंगाबाद, सासाराम, पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) और गया जिला के बैंक शामिल हैं. ये बैंक नाबार्ड और बोर्ड के निर्देश के अनुसार काम नहीं कर रहे थे. जिससे कि इनका कैपिटल रिस्क एसेट रेश्यो (सीआरएआर) नौ से नीचे चला गया है, साथ ही एनपीए भी पांच फीसदी से काफी ऊपर चला गया है. इन बैंकों का एनपीए 20 प्रतिशत तक चला गया है. आरबीआई ने इन्हें सुधार का एक मौका दिया था, अब फिर से इनकी समीक्षा कर रिपोर्ट की मांग की है.
गया के सहकारी बैंक में कुछ सुधार हुआ लेकिन बाकि के आठ बैंक की स्थिति अभी भी ठीक नहीं है. इनका सीआरएआर नौ से कम है. बता दे कि किसी बैंक की वित्तिय स्थिति के मुताबिक सीआरएआर तय होता है. इसके लिए बैंक के शेयर कैपिटव, सुरक्षित पूंजी और एनपीए आदि की समीक्षा की जाती है.
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