नहाना और कपड़ा धोना भी हुआ महंगा, LUX, Wheel, RIN समेत साबुन सर्फ पर पड़ी मंहगाई की मार
- हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और आईटीसी ने साबुन और डिटर्जेंट की कीमतों में इजाफा करने का ऐलान किया है. नहाने के साबुन और कपड़े धोने के डिटर्जेंट पर 3 फीसदी से लेकर 21 फीसदी तक रेट बढ़ा दिए गए हैं. वहीं एंगेज परफ्यूम और डिटर्जेंट पर भी रेट्स बढ़ाए गए हैं. हाल ही में माचिस बॉक्स की कीमत में दोगुनी बढ़ोतरी हुई थी. रोजमर्रा की वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों ने जनता की कमर तोड़ दी है.
पटना. पेट्रोल-डीजल, दूध, रसोई गैस, माचिस बॉक्स के बाद अब नहाना और कपड़ा धोना भी महंगा हो गया है. हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड और आईटीसी ने साबुन और डिटर्जेंट की कीमतों में इजाफा करने का ऐलान किया है. नहाने के साबुन और कपड़े धोने के डिटर्जेंट पर 3 फीसदी से लेकर 21 फीसदी तक रेट बढ़ा दिए गए हैं. एचयूएल और आईटीसी ने फियामा (Fiama) साबुन की कीमतों में 10 फीसदी का इजाफा किया है इसके अलावा विवेल (Vivel) सोप पर 9 फीसदी रेट्स बढ़ाये गए हैं. वहीं डिटर्जेंट की बात करें तो हिंदुस्तान यूनिलीवर ने व्हील (wheel) के एक किलो पैकेट की कीमतों में 3.4 फीसद का इजाफा किया है. जिसके बाद इसके स्केट्स में 2 रुपये का इजाफा हुआ है. इसके अलावा 500 ग्राम वाले व्हील की कीमत अब 28 रुपये से बढ़कर 30 रुपये हो गई है.
डिओडरेंट और परफ्यूम के भी बढ़े दाम
जानकारी के मुताबिक हिंदुस्तान युनिलीवर ने परफ्यूम और डिओडरेंट की भी कीमतों में इजाफा किया है. इंगेज (Engage) डिओडरेंट की 150ml बोतल की कीमत में 7.6 फीसदी और इंगेज परफ्यूम की 120ml बोतल के दाम में 7.1 फीसद का इजाफा किया गया है. वहीं रिन (RIN) साबुन के 250 ग्राम वाले पैक की कीमत में 5.8 फीसद का इजाफा किया गया है. वहीं लक्स (Lux) के 100 ग्राम वाले पेड़ की कीमत पर अब 21.7 फीसद का इजाफा हुआ है.
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जनता की कमर तोड़ रही महंगाई
मालूम हो कि इस वक्त देश के कई राज्यों में 100 से 120 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल डीजल मिल रहा है. इसके अलावा दूध और रसोई गैस भी महंगा हो गया है. सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. हाल ही में माचिस का बॉक्स की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई थी. दशकों से मिल रहे एक रुपये के माचिस का दाम दोगुना कर दिया गया. अब माचिस एक रुपये के बजाय दो रुपये में मिल रहे हैं. भले ही सरकार कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश में जुटी हुई है. लेकिन, रोजमर्रा की वस्तुओं की आसमान छूती कीमतों ने जनता की कमर तोड़ रख दी है.
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