तय कीमत से 1रुपए भी अधिक कीमत पर खाद बेची तो कंपनी पर होगा FIR- कृषि निदेशक

Smart News Team, Last updated: Sun, 11th Jul 2021, 1:37 PM IST
  • कृषि निदेशक आदेश तितिरमारे ने खाद से संबंधित किसी भी शिकायत को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति बनाई है. जिसमें कृषि अधिकारियों के अलावा खाद कम्पनियों की भी जिम्मेवारी तय कर दी है. अगर डीलर तय कीमत से ज्यादा कीमत लेता है तो सम्बन्धित खाद कंपनी पर कारवाई की जाएगी.
बिहार में किसानों से खाद के निर्धारित मूल्य से ज्यादा कीमत के वसुली पर होगी एफआईआर (प्रतीकात्मक चित्र)

पटना:बिहार में किसानों को उचित दाम पर खाद उपलब्ध कराने के लिए और खाद विक्रेताओं को मनमाने दाम पर खाद बेचने से रोकने के लिए अब कृषि समन्यवक बाजार में खाद की कीमतों पर अपनी नजर बनाए रखेंगे. कृषि समन्यवक किसानों से बात कर यह पता लगाने की कोशिश करेंगे कि कहीं कोई डीलर खाद निर्धारित मूल्य से अधिक दाम तो नही ले रहा. अगर कहीं ऐसी गड़बड़ी पाई जाती है तो डीलर के साथ-साथ इसके लिए कंपनियों को भी दोषी माना जाएगा और उनके खिलाफ कारवाई की जाएगी.खरीफ फसल की खेती शुरू होने के साथ ही कृषकों के बीच यूरिया जैसे खाद की मांग बढ़ गई है. ऐसे में सरकार हरकत में आते हुए केंद्र सरकार द्वारा आवंटित खाद सही मूल्य पर किसानों को मिले, इसके लिए निर्धारित मूल्य पर खाद बेचने की बनी नीति पर अधिकारी काम करना शुरू कर दिए हैं.

कृषि निदेशक आदेश तितिरमारे ने खाद से संबंधित किसी भी शिकायत को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति बनाई है. जिसमें कृषि अधिकारियों के अलावा खाद कम्पनियों की भी जिम्मेवारी तय कर दी है. अगर कोई डीलर किसानों से खाद के निर्धारित मूल्य से एक रुपए भी अगर ज्यादा वसूल करता है तो शिकायत मिलने के बाद 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है. निदेशक ने पत्र निर्गत करते हुए कहा है कि अगर रेलवे रैक प्वाइंट के भाड़ा के नाम पर कोई डीलर किसानों से खाद के निर्धारित मूल्य से अधिक दाम लेता है तो इसके लिए संबंधित कंपनी को भी दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कारवाई की जाएगी. निदेशक द्वारा कंपनियों के राज्य प्रबंधक को निर्देश देते हुए कहा है कि कंपनी खाद के मूल्य पर नियंत्रण रखने के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करे. वहीं डीलर द्वारा किसानों को खाद के खरीद पर रसीद नही देना, स्टॉक की सही जानकारी नहीं देना, बिना लाइसेंस के खाद बेचना या मूल्य प्रदर्शित नहीं करना, यूरिया के साथ टैग कर दूसरी खाद बेचना जैसी गड़बड़ियों के लिए कृषि विभाग की नीति में कंपनियों को जिम्मेदार माना माना गया है.

 

 

गौरतलब है कि इसके पहले भी कृषि सचिव डॉ. एन. सरवण ने सभी जिलाधिकारियों को खाद के स्टॉक वेरिफिकेशन का आदेश देते हुए यह निर्देश दिया था कि पॉश मशीन और स्टॉक में अंतर होने पर तुरंत कड़ाई की जानी चाहिए. इस तरह कृषि विभाग खाद के कालाबाजारी पर नकेल कसने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. कृषि विभाग द्वारा खाद की कीमतों पर लगाम बनाए रखने के लिए की गई सभी व्यवस्थाओं पर नजर रखने की जिम्मेवारी संयुक्त निदेशक शष्य को दी गई है. साथ ही कृषि समन्यवक के साथ-साथ कृषि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो किसानों के साथ लगातार बैठक कर खाद की वास्तविक कीमत का पता लगाते रहें.

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