'चक बिहार' सॉफ्टवेयर से बिहार में चकबंदी, IIT से करार को वित्त विभाग की सहमति
- बिहार राज्य में जल्द ही चक-बिहार सॉफ्टवेयर के जरिए चकबंदी कराई जाएगी. सॉफ्टवेयर बनाने का जिम्मा आईआईटी रुड़की को दिया गया है. चकबंदी के लिए आईआईटी से करार को वित्त विभाग की सहमति मिल गई है. कैबिनेट की मंजूरी के बाद चक-बिहार सॉफ्टवेयर का काम शुरू हो जाएगा.

पटना. अब से बिहार राज्य में आधुनिक तकनीक से चकबंदी करने का प्लान बनाया जा रहा है. राज्य में चकबंदी के लिए नया सॉफ्टवेयर बनाने का काम जल्द शुरू होगा. इसका जिम्मा आईआईटी रुड़की को दिया गया है. जिसने इसे चक-बिहार का नाम दिया है. इसके लिए आईआईटी रूड़की से करार के प्रस्ताव पर वित्त विभाग ने सहमति दे दी है. साथ ही प्रस्ताव विभाग के विधि शाखा में भी भेजा गया है. सभी तकनीकी पहलुओं पर विचार करने के बाद वह वहां से कैबिनेट जाएगा. वहां के 200 तकनीकी कर्मियों की टीम बिहार आकर चकबंदी के लिए सॉफ्टवेयर बनाने के काम को धरातल पर उतारेगी.
राज्य में पहले भी चंकबंदी हुई है लेकिन पहली बार इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होने जा रहा है. राज्य के लोग व अधिकारी सभी इस नई तकनीक के इस्तेमाल के लिए उत्साहित हैं. सॉफ़्टवेयर बनाने को निदेशालय में लैब का निर्माण किया जाएगा. वहां चकबंदी के लिए ‘चक बिहार’ सॉफ्टवेयर विकसित होगा. करार के प्रस्ताव के मुताबिक एक साल में 12 हजार गांवों की चकबंदी का लक्ष्य है.Patna University में आज से भरे जा रहे हैं ग्रेजुएशन फाइनल ईयर एग्जाम फॉर्म
इस सॉफ्टवेयर की सबसे अच्छी बात यह होगी की इसे बनने से चकबंदी के काम में मानवीय हस्तक्षेप काफी कम हो जाएगा. पहले जो काम 100 फीसदी अमीन और दूसरे कर्मियों द्वारा किया जाता था उस काम में मानवीय हस्तक्षेप घटकर अब महज 20 फीसदी रह जाएगा. इसमें 80 फीसदी काम अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से किया जाएगा।
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