बिहार में अब ADG और IG रैंक के अफसर नहीं दिखेंगे फील्ड में, शराबबंदी की मॉनिटरिंग करेंगे

Smart News Team, Last updated: Wed, 15th Dec 2021, 11:55 AM IST
  • बिहार पुलिस मुख्यालय ने शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए एडीजी और आईजी रैंक के अफसरों को खास जिम्मेदारी सौंपी है. इसके लिए कई बड़े अधिकारियों को अलग-अलग जिले और क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है. डीजीपी एसके सिंघल ने इस बात का आदेश जारी कर दिया है.
डीजीपी एसके सिंघल (फाइल फोटो)

पटना. बिहार में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने और इसमें किसी तरह की ढिलाई ना हो इसके लिए एक दर्जन सीनियर आईपीएस अफसरों को फील्ड में उतारा गया है. एडीजी और आईजी रैंक के इन अफसरों को मद्यनिषेध को लेकर की जा रही कार्रवाई के मॉनिटरिंग के साथ जिलों के दौरे की जिम्मेदारी सौंपी गई है. डीजीपी एसके सिंघल ने इस बाबत आदेश जारी कर दिया है.

इन अफसरों को मिली जिम्मेदारी

एडीजी सीआईडी जितेंद्र कुमार को केंद्रीय क्षेत्र (पटना रेंज), एडीजी रेल पंकज कुमार दराद को मगध, एडीजी अभियान सुशील खोपड़े को शाहाबाद, एडीजी एटीएस रविन्द्रण शंकरण को तिरहुत, एडीजी प्रशिक्षण आर मलार विझि को चंपारण, एडीजी स्पेशल ब्रांच सुनिल कुमार को सारण, एडीजी एससीआरबी डॉ. कमल किशोर सिंह को पूर्णिया, एडीजी (बजट, अपील एवं कल्याण) पारसनाथ को मुंगेर, एडीजी कमजोर वर्ग अनिल किशोर यादव को बेगूसराय, एडीजी सुरक्षा बच्चू सिंह मीणा को मिथिला, आईजी आधुनिकीकरण केएस अनुपम को भागलपुर और आईजी बीएसएपी एमआर नायक को कोशी रेंज की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

डीजल की महंगाई से बिहार में सफर महंगा, बस किराया 20 फीसदी तक बढ़ा

जिलों का दौरा कर देखेंगे क्या हो रही कार्रवाई

डीजीपी एसके सिंघल द्वारा जारी आदेश के मुताबिक एडीजी और आईजी रैंक के ये अफसर आवंटित रेंज के अधीन मद्यनिषेध से संबंधित कार्यों का (मॉनिटरिंग) करेंगे. इन्हें रेंज के अधीन पड़ने वाले जिलों का दौरा भी करना होगा. इस दौरान यह भी देखेंगे कि मद्यनिषेध को लेकर क्या कार्रवाई हो रही है साथ ही अपनी रिपोर्ट हर महीने डीजीपी को देनी होगी.

पहले से आईजी मद्यनिषेध का पद

माना जा रहा है कि शराबबंदी कानून को मजबूती से लागू करने और इसमें किसी तरह की कोई कोताही न हो इसके लिए पुलिस मुख्यालय ने यह कदम उठाया है. शराबबंदी कानून के लागू होने के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में एडीजी और आईजी रैंक के अफसरों को इसकी मॉनिटरिंग के लिए फील्ड में भेजा जा रहा है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें